रूस से तेल खरीदने वाले देशों को अमेरिका की तरफ से टैरिफ की धमकियां मिल रही हैं। रूस से तेल खरीदने वालों में भारत भी है। अब यूके में भारतीय राजदूत विक्रम दोराईस्वामी ने पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि कोई देश किसी की अर्थव्यवस्था बंद नहीं कर सकता।
ब्रिटिश रेडियो स्टेशन टाइम्स रेडियो से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देश भी उन्हें देशों से रेयर अर्थ मेटल और एनर्जी प्रोडक्ट्स खरीद रहा है, जिनसे हमें खरीदने से मना कर रहा है। उन्होंने कहा, 'क्या आपको यह थोड़ा अजीब नहीं लगता?'
उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने रूस से तेल खरीदने वालों की अर्थव्यस्था को कुचल डालने की धमकी दी थी।
रूस के साथ दोस्ती पर क्या बोले भारतीय राजदूत?
रूस और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संबंधों से जुड़े सवाल पर भारतीय राजदूत विक्रम दोराईस्वामी ने कहा, 'हमारे लंबे समय से रक्षा संबंध हैं जो उस दौर से चले आ रहे हैं, जब हमारे कुछ पश्चिमी साझेदारी हमें हथियार नहीं बेचते थे, बल्कि हमारे पड़ोसी देशों को हथियार बेचते थे जो उनका इस्तेमाल सिर्फ हम पर हमला करने के लिए करते थे।'
यह भी पढ़ें-- भूल हुई वरना आज 2.5 अरब डॉलर होते? सुंदर पिचाई के अरबपति बनने की कहानी
'हम अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें?'
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के रूस के साथ 'ऊर्जा संबंध' हैं, क्योंकि बाकी देश उन देशों से तेल-गैस खरीदते थे, जिनसे हम पहले खरीदा करते थे।
उन्होंने कहा, 'हम एनर्जी मार्केट से काफी हद तक बाहर हो गए हैं और लागत बढ़ गई है। हम दुनिया में एनर्जी के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। हम अपने 80% से ज्यादा उत्पाद आयात करते हैं। आप हमसे क्या करवाना चाहेंगे? हम अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें?'
दोराईस्वामी ने कहा, 'हम अपने आस-पास ऐसे रिश्ते भी देखते हैं जो दूसरे देश अपनी सुविधा के लिए उन देशों के साथ बनाए रखते हैं, जो हमारे लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। क्या हम आपसे वफादारी की एक छोटी सी परीक्षा के लिए कहें?'
यह भी पढ़ें-- भारत-UK ने साइन किया FTA, घटेंगे व्हिस्की, कार और सॉफ्ट ड्रिंक के दाम
रूस-यूक्रेन जंग पर क्या कहा?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है।
उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने बार-बार यह बात कही है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ भी। हम इस भयानक संघर्ष को रुकते देखना चाहते हैं।'
यह भी पढ़ें-- नौकरियां छीनकर फायदे में आई Paytm? 123 करोड़ के लाभ के पीछे की कहानी
रूस से तेल पर क्यों धमका रहा अमेरिका?
रूस से तेल खरीदने वाले देशों को अमेरिका लगातार धमका रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार कह चुके हैं कि जो भी देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, उन्हें एक्स्ट्रा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि वह रूस पर सेकेंडरी टैरिफ लगाएंगे।
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी कहा था, 'रूस से तेल खरीदने वाले भारत, चीन और ब्राजील पर राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ लगाने जा रहे हैं। यह तीनों देश से रूस से 80% तेल सस्ते में खरीद रहे हैं, जिससे पुतिन को जंग लड़ने में मदद मिल रही है। इसलिए इन सभी देशों पर राष्ट्रपति ट्रंप 100% टैरिफ लगाने जा रहे हैं।'
उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और ब्राजील पर टैरिफ लगाना दूसरे देशों के लिए भी एक सीधी चेतावनी होगी। उन्होंने कहा, 'मैं चीन, भारत और ब्राजील से यही कहूंगा कि अगर आप इस युद्ध को जारी रखने के लिए सस्ता रूसी तेल खरीदते रहेंगे तो हम आपको पूरी तरह से तबाह कर देंगे। आपकी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर देंगे, क्योंकि आप जो कर रहे हैं, वह खून का पैसा है।'