मध्य पूर्व में तनाव अभी भी बना हुआ है। इस बीच भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को ईरान की गैर-जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। इसे लेकर भारतीय दूतावास ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर बहुत जरूरी न हो तो ईरान की यात्रा न करें।
भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए भारतीय नागरिकों को मध्य पूर्व में चल रहे तनाव को लेकर सतर्क रहने की सलाह भी दी है। साथ ही कहा है कि ईरान छोड़ने के लिए भारतीय नागरिक कमर्शियल फ्लाइट या जहाज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भारतीय नागरिकों के लिए यह एडवाइजरी ऐसे समय जारी की गई है, जब कुछ हफ्तों पहले ही ईरान के साथ इजरायल की जंग हो गई थी और अमेरिका ने भी उसकी तीन न्यूक्लियर साइट पर बमबारी कर दी थी। फिलहाल तो ईरान में जंग थम गई है लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
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दूतावास ने एडवाइजरी में क्या कहा?
एडवाइजरी में कहा गया है, 'पिछले कई हफ्तों में सुरक्षा से जुड़े घटनाक्रमों को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ईरान की गैर-जरूरी यात्रा करने से पहले अच्छे से सोच लें।'
इसमें आगे कहा गया है, 'नागरिकों को यह भी सलाह दी जाती है कि मध्य पूर्व में घटनाक्रमों पर नजर रखें और भारतीय अधिकारियों की तरफ से दी जाने वाली सलाहों का पालन करें। जो भारतीय नागरिकों पहले से ही ईरान में हैं और वहां से जाना चाहते हैं, वे कमर्शियल फ्लाइट या जहाज से जा सकते हैं।'
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12 दिन तक चली थी लड़ाई
मध्य पूर्व में हालात तब बिगड़ गए थे, जब 13 जून को इजरायल ने ईरान पर हमला कर दिया था। इजरायल ने इसे 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन्स' नाम दिया था। इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' लॉन्च कर इजरायल पर हमला कर दिया था।
इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर जमकर बमबारी की थी और मिसाइलें दागी थीं। इजरायल का दावा था कि उसका मकसद ईरान को न्यूक्लियर पावर बनने से रोकना है।
इसके बाद 23 जून को अमेरिका ने भी ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट- नतांज, फोर्दो और इस्फहान पर बमबारी कर दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिकी सेना की कार्रवाई में ईरान की न्यूक्लियर साइट पूरी तरह तबाह हो गई है। हालांकि, परमाणु हथियारों पर निगरानी करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने इस दावे को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिकी हमलों के बावजूद कुछ ही महीनों में ईरान फिर से परमाणु कार्यक्रम शुरू कर सकता है।
मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका के कूदने के बाद 24 जून को सीजफायर हो गया था।