अमेरिकी कोर्ट ने इंटेल कंपनी के पूर्व इंजीनियर वरुण गुप्ता को धोखाधड़ी के मामले में सजा सुनाई है। वरुण ने इंटेल कंपनी का गोपनीय (सीक्रेट) डेटा माइक्रोसॉफ्ट को दे दिया था। अदालत ने उन्हें दो साल की प्रोबेशन (निगरानी अवधि) की सजा सुनाई है और साथ ही 34,472 डॉलर यानी लगभग 30 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। यह मामला अमेरिका की टेक इंडस्ट्री के लिए बड़ा सबक माना जा रहा है, क्योंकि इसमें कंपनी की व्यापारिक रणनीति और गोपनीय दस्तावेजों के दुरुपयोग का मामला सामने आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वरुण गुप्ता ने करीब 10 साल तक इंटेल में प्रोडक्ट मार्केटिंग इंजीनियर के पद पर काम किया था। साल 2020 में कंपनी छोड़ने से पहले उन्होंने हजारों फाइलें एक हार्ड ड्राइव में कॉपी कर ली थी। बाद में माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी मिलने के बाद उन्होंने इन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल करके इंटेल के साथ कॉन्ट्रैक्ट की बात की थी। इन जानकारियों में इंटेल की कीमत तय करने की रणनीति (प्राइसिंग स्ट्रैटेजी) से जुड़ा प्रेजेंटेशन भी शामिल था।
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सरकारी वकील ने की सजा की मांग
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के सरकारी वकील विलियम नारस ने कोर्ट में बताया कि साल 2020 में कंपनी छोड़ने से पहले वरुण गुप्ता ने इंटेल कंपनी के कंप्यूटर से हजारों गोपनीय फाइलों को एक पोर्टेबल हार्ड ड्राइव पर कॉपी कर लिया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इसके बाद उन्होंने 'बार-बार उन दस्तावेजों को एक्सेस किया और माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से कान्ट्रैक्ट के लिए इसका इस्तेमाल भी किया था।' सरकारी वकील ने कोर्ट में गुप्ता के खिलाफ आठ महीने की सजा मांगी थी लेकिन अदालत ने सजा को प्रोबेशन और जुर्माने तक सीमित रखा है।
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अदालत से मांगी माफी
अदालत में अपने बयान में वरुण गुप्ता ने इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और सरकार से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि उनकी गलती की वजह से सभी को समय और संसाधनों का नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह रोज अपने भविष्य और अपनी पहचान (legacy) को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। टेक इंडस्ट्री छोड़ने के बाद गुप्ता अपने परिवार के साथ फ्रांस चले गए हैं और अब अंगूर की खेती और वाइन इंडस्ट्री में करियर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।