ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनई ने इजरायल के साथ चल रहे भीषण संघर्ष के बीच में बहुत बड़ा कदम उठाया है। खामेनई को अपनी हत्या का डर सताने लगा है इसलिए उन्होंने तय किया है कि अगर उनकी हत्या हो जाती है, तो उनके उत्तराधिकारी के रूप में देश का सर्वोच्च नेता चुन लिया जाए। इसके लिए अली खामेनई ने तीन वरिष्ठ धर्मगुरुओं को चुना है।
संघर्ष के दौरान इजरायल से अयातुल्ला अली खामेनई की हत्या की धमकी दी है। इजरायल की धमकी के बाद खामेनई ने एक बंकर में शरण ले रखी है। यह खबर न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार के हवाले से सामने आई है। अखबार ने ईरानी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा है कि अली खामेनई ने अपने पीछे तीन उत्तराधिकारियों को चुन लिया है। हालांकि, तीनों धर्मगुरुओं की पहचान उजागर नहीं की गई है।
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खामेनई ने बेटे को नहीं बनाया उत्तराधिकारी
ईरानी अधिकारियों द्वारा न्यूयॉर्क टाइम्स को दी गई जानकारी के मुताबिक आयतुल्ला खामेनई के अपने बेटे अली मोजतबा को उत्तराधिकारियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया है। बता दें कि अली मोजतबा स्वयं भी एक धर्मगुरु हैं और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के करीब माने जाते हैं। हालांकि पहले उन्हें देश के सर्वोच्च नेता के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा था।
खामेनई की हत्या का डर
तीनों धर्मगुरुओं की पहचान उजागर नहीं की गई है लेकिन यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि अगर खामेनई की हत्या हो जाती है या उनकी अचानक मौत हो जाती है, तो असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स के जरिए उत्तराधिकार प्रक्रिया तेजी से और व्यवस्थित रूप से पूरी की जा सके।
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दरअसल, 86 साल के अली खामेनई अपनी जान के खतरे के माहौल को गंभीरता से ले रहे हैं क्योंकि इजरायल अपने हवाई हमलों में लगातार ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहा है।
बंकर से काम कर रहे हैं खामेनई
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि खामेनई फिलहाल एक सुरक्षित भूमिगत स्थान से काम कर रहे हैं और एक विश्वसनीय सहयोगी के जरिए अपनी सेना और नेताओं से संवाद कर रहे हैं। इसके अलावा अली खामेनई ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मौत हो जाए तो उनकी जगह पर नियुक्त किए जाने वाले अधिकारियों की भी पहले से पहचान कर ली गई है।