अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल पर नाराजगी जाहिर की। सहमति के कुछ घंटे बाद दोनों देशों पर युद्ध विराम उल्लंघन का आरोप लगाया। नाटो सम्मलेन में जाने से पहले ट्रंप इजरायल पर भड़क उठे। उन्होंने न केवल गाली दी, बल्कि इजरायल को शांत रहने की नसीहत तक दे डाली। ट्रंप की नाराजगी के बाद इजरायली विमानों को ईरान से लौटना पड़ा। ट्रंप ने दावा किया कि ईरान अब परमाणु सुविधाओं को दोबारा नहीं बनाएगा। मगर ईरान ने इससे मना कर दिया है। उसका कहना है कि अभी नुकसान का आकलन किया जा रहा है। परमाणु कार्यक्रम के बहाली का इंतजाम किया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'ईरान कभी अपनी परमाणु सुविधाओं का दोबारा निर्माण नहीं करेगा। फोर्डो में तो बिल्कुल नहीं। यह जगह चट्टान के नीचे है और ध्वस्त की जा चुकी है। बी-2 पायलटों ने अपना काम किसी भी सोच से बेहतर तरीके से किया है।' एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, 'इजराइल और ईरान युद्ध रोकना चाहते थे। सभी परमाणु सुविधाओं और क्षमताओं को नष्ट करना और इसके बाद युद्ध को रोकना मेरे लिए बहुत ही सम्मान की बात है।'

ईरान के पास नहीं होंगे परमाणु हथियार
एयर फोर्स वन पर प्रेस वार्ता में ट्रंप ने अपनी बात दोहराई और कहा, 'वैसे ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होंगे। मुझे लगता है कि अभी उनके दिमाग में यह आखिरी बात है। वे (ईरान) यूरेनियम संवर्धन नहीं करेंगे और उनके पास परमाणु हथियार नहीं होंगे। वे एक बड़े व्यापारिक देश बनने जा रहे हैं। उनके पास बहुत सारा तेल है। वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। मैं चाहता हूं कि सब कुछ जल्द से जल्द शांत हो जाए। शासन में बदलाव के लिए अराजकता की जरूरत होती है और हम इतनी अराजकता नहीं देखना चाहते। इस वजह से हम देखेंगे कि यह कैसे होता है?
परमाणु कार्यक्रम शुरू करेगा ईरान
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बीच ईरान के परमाणु प्रमुख मोहम्मद इस्लामी का बयान भी आया। उन्होंने कहा कि 12 दिन के संघर्ष के बाद अपने परमाणु उद्योग को हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। इसकी बहाली का इंतजाम किया गया है। ईरान की मेहर न्यूज के मुताबिक इस्लामी ने कहा, 'योजना का उद्देश्य उत्पादन और सेवाओं की प्रक्रिया में रुकावटों को खत्म करना है। तेहरान अपने परमाणु स्थलों को होने वाले नुकसान के लिए तैयार है।'
13 जून को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद 22 जून की तड़के अमेरिका ने नातांज, इस्फहान और फोर्डो परमाणु संयंत्रों पर मिसाइलों व बंकर बस्टर बमों से बड़ा हमला किया था। अमेरिका और इजरायल का दावा है कि हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम काफी पीछे चला गया है, लेकिन ईरान ने अभी तक नुकसान की जानकारी नहीं दी है।
परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ईरान को लिखा पत्र
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने मंगलवार ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बैठक का प्रस्ताव रखा है और युद्ध विराम के एलान के बाद सहयोग की अपील की। एक्स पर एक पोस्ट में ग्रॉसी ने लिखा कि अगर ईरान एजेंसी का दोबारा सहयोग करता है तो उसके परमाणु कार्यक्रम पर लंबे समय से चल रहे विवाद का कूटनीतिक समाधान निकल सकता है।