इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़रायल काट्ज ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान ने इज़रायल को धमकी देना जारी रखा, तो इज़रायल एक बार फिर तेहरान तक पहुंच सकता है और इस बार ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई को 'सीधे निशाना' बनाएगा।
काट्ज ने यह बयान रविवार को इज़रायली वायु सेना के रेमन एयर बेस की विजिट के दौरान दिया। उन्होंने कहा, 'मैं खामेनेई को साफ संदेश देना चाहता हूं - अगर आप इज़रायल को धमकाते रहे, तो हमारे लंबे हाथ फिर से तेहरान तक पहुंचेंगे, और इस बार और अधिक ताकत के साथ - और यह आप तक व्यक्तिगत रूप से भी पहुंचेंगे।'
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‘धमकी दोगे तो नुकसान होगा’
काट्ज ने ईरान को चेतावनी दी, 'धमकी मत दो, वरना नुकसान होगा।' उन्होंने इज़रायली वायु सेना के जेट पायलटों की तारीफ भी की, जो वहां मौजूद इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सामने थी। काट्ज ने सैनिकों को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' में उनके शानदार काम के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'आपने तेहरान के आसमान तक पहुंचे, ईरानी ऑक्टोपस के सिर पर बार-बार हमला किया और खतरे को खत्म किया।'
'ईरानी ऑक्टोपस' शब्द पूर्व इज़रायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के सिद्धांत से आया है, जिसमें उन्होंने ईरान के 'एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस' को एक ऑक्टोपस बताया, जिसके प्रभाव क्षेत्र में कई देश शामिल हैं। यह पहली बार नहीं है जब काट्ज ने खामेनेई को धमकी दी हो। 17 जून को भी उन्होंने कहा था कि खामेनेई का हाल इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन जैसा हो सकता है।
इजरायल को कहा था ‘पालतू कुत्ता’
वहीं, इस महीने की शुरुआत में खामेनेई ने इज़रायल को अमेरिका का 'पालतू कुत्ता' कहा था। उन्होंने दावा किया कि ईरान अपने दुश्मनों को पहले से भी बड़ा झटका दे सकता है और किसी भी नए हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।
पिछले महीने इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध एक समझौते के साथ खत्म हुआ था। यह युद्ध 13 जून को इज़रायल के हमले के साथ शुरू हुआ था, जिसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना था।
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अब तक काफी लोग मर चुके
12 दिन के इस युद्ध में इज़रायली सेना ने ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों और नागरिकों को मार दिया। ईरानी अधिकारियों के अनुसार, इस युद्ध में कुल 1,060 लोग मारे गए। जवाब में ईरान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनमें इज़रायल में कम से कम 28 लोग मारे गए।