चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिले जयशंकर, भारत-चीन संबंध पर क्या बोले
दुनिया
• BEIJING 14 Jul 2025, (अपडेटेड 14 Jul 2025, 9:44 AM IST)
चीन पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों पर जोर दिया।

जयशंकर और चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग। (Photo Credit: X@DrSJaishankar)
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बीजिंग में सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। X पर पोस्ट करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर खुशी हुई।' इस दौरान उन्होंने चीन की SCO अध्यक्षता का समर्थन भी किया।
उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने कहा कि हाल ही में अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं सालगिरह मनाई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भी सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा, हमारे संबंधों के सामान्य होने से लाभकारी परिणाम हो सकते हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर दो दिन की यात्रा पर चीन गए हैं। यह पांच साल में उनका पहला दौरा है। जयशंकर मंगलवार को तियांजिन में होने वाली SCO मीटिंग में भी हिस्सा लेंगे। इस दौरान जयशंकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात करेंगे।
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जयशंकर ने क्या कहा?
चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'जैसा कि आपने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में कजान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगी।'
#WATCH | Beijing, China: "We have marked the 75th anniversary of the establishment of our diplomatic relations. The resumption of the Kailash Mansarovar Yatra is also widely appreciated in India. Continued normalisation of our ties can produce mutually beneficial outcomes, " said… pic.twitter.com/6d90F99wrr
— ANI (@ANI) July 14, 2025
उन्होंने कहा, 'आज हम जिस अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में मिल रहे हैं, वह बहुत जटिल है। पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत और चीन के बीच विचारों और दृष्टिकोण का आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है। मैं इस यात्रा के दौरान ऐसी चर्चाओं की आशा करता हूं।'
#WATCH | Beijing, China: "The international situation, as we meet today, is very complex. As neighbouring nations and major economies, an open exchange of views and perspectives between India and China is very important. I look forward to such discussions during this visit, "… pic.twitter.com/NLQJe51teW
— ANI (@ANI) July 14, 2025
वांग यी से भी करेंगे मुलाकात
जयशंकर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे हैं। SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक 15 जुलाई को तियांजिन में होनी है। इससे पहले जयशंकर बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
जयशंकर और वांग यी के बीच आखिरी मुलाकात इस साल फरवरी में हुई थी। दोनों की मुलाकात जोहान्सबर्ग में G20 की मीटिंग के दौरान हुई थी। तब दोनों पक्षों ने आपसी भरोसे और समर्थन का आह्वान किया था।
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क्यों खास है यह यात्रा?
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के संबंध बहुत खास नहीं है। चीन ने भारत को किए जाने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट, फर्टिलाइजर और टनल बोरिंग मशीन जैसे कई एक्सपोर्ट को डिले किया है।
इसके अलावा, मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को समर्थन करने का मुद्दा भी दोनों देशों के बीच तनाव की एक वजह है।
इससे पहले जून में SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि इसमें पहलगाम अटैक का जिक्र नहीं था।
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गलवान में झड़प के बाद से तनाव
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। 45 साल में यह पहली बार था, जब दोनों देशों की सेनाओं में ऐसी हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 जवान इसमें मारे गए थे। इससे पहले मई 2020 से ही LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने लगा था।
इस झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंधों में तनाव आ गया था। झड़प के चार साल बाद अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में सीमा विवाद को बातचीत से सुलझाने पर सहमति बनी थी।
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