भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच सोमवार को मुलाकात हुई। दोनों के बीच यह मुलाकात मलेशिया के कुआलालंपुर में हुई। कुआलालंपुर में आसियान समिट हो रही है। इसी दौरान दोनों के बीच मुलाकात हुई। जयशंकर और मार्को रुबियो की यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है जब टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच तनाव चल रहा है। इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
इससे पहले रविवार को आसियान समिट के लिए कुआलालंपुर पहुंचे मार्को रुबियो ने कहा था कि अमेरिका, पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहता है लेकिन भारत की कीमत पर नहीं।
अब सोमवार को जयशंकर और रुबियो की मुलाकात तब हुई, जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत लगभग अंतिम पड़ाव पर है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच जल्द ही ट्रेड डील हो सकती है। हालांकि, कुछ दिन पहले ही बर्लिन डायलॉग में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कर दिया था कि भारत जल्दबाजी में कोई भी समझौता नहीं करेगा।
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जयशंकर-रुबियो में क्या चर्चा हुई?
दोनों के बीच कुआलालंपुर में मुलाकात हुई। इस मुलाकात की तस्वीर विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने X अकाउंट पर शेयर कीं। उन्होंने यह तस्वीरें सुबह-सुबह शेयर की.
तस्वीरें शेयर करते हुए जयशंकर ने लिखा, 'आज सुबह कुआलालंपुर में विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलकर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा की मैं सराहना करता हूं।'
ट्रेड डील पर पीयूष गोयल ने क्या कहा था?
हाल ही में बर्लिन ग्लोबल डायलॉग में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कर दिया था कि कोई भी समझौता 'जल्दबादी' या 'सिर पर बंदूक' तानकर नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा था, 'हम जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करते और न ही डेडलाइन तय करके या सिर पर बंदूक तानकर कोई समझौता करते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि भारत कभी भी जल्दबाजी में या जोश में आकर फैसले नहीं लेता है।
पीयूष गोयल ने इस पर भी सवाल उठाया था कि जब कई देश रूसी तेल खरीद रहे हैं तो सिर्फ भारत को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है? उन्होंने आगे कहा कि किसी देश से कुछ विशेष उत्पाद खरीदने का फैसला पूरी दुनिया को लेना होगा।
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नवंबर तक हो जाएगी डील?
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि नवंबर तक दोनों के बीच समझौता हो भी जाएगा।
इस ट्रेड डील का मकसद 2030 तक दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है। अभी दोनों के बीच 191 अरब डॉलर का कारोबार होता है।
अमेरिका अब भी भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है। हालांकि, टैरिफ की वजह से कारोबार पर असर पड़ा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, टैरिफ के कारण सितंबर में भारत का अमेरिका को होने वाला एक्सपोर्ट 11.93% घटकर 5.46 अरब डॉलर पर आ गई। इसकी तुलना में इम्पोर्ट 11.78% बढ़कर 3.98 अरब डॉलर पर आ गया।