जापान पिछले काफी समय से 'चावल संकट' से जूझ रहा है। देश में आए चावल संटक के पीछे कई वजहें हैं। दरअसल, जापान में लगातार मुद्रास्फीति बढ़ रही है और चावल की सप्लाई कम हो रही है। साथ दी देश में पिछले सालों के मुकाबले चावल की पैदावार भी कम हुई है। इस बीच पिछले साल की तुलना में चावल की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं। जापान में चावल वहां के लोगों का पसंदीदा खाना है।
जापान सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में चावल की कीमत अप्रैल में साल-दर-साल 98.4 प्रतिशत बढ़ी हैं जबकि मार्च के महीने में हर साल यह 92.5 फीसदी बढ़ी। चावल की कीमतों में आया यह उछाल जापान के लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। देश में चावल का संकट इतना गहरा गया है कि यह प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की राजनीति को भी प्रय़भावित कर रहा है।
रोजमर्रा के जरूरी सामान भी महंगे हो रहे
जापान में चावल की कीमतें बढ़ने की वजह से इसका असर रोजमर्रा की अन्य जरूरी सामानों पर भी पड़ रहा है। शोध कंपनी टेइकोकू डाटाबैंक ने अपने शोध में कहा है कि इस जून में देश में 100 से ज्यादा खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने वाली हैं।
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5 किलो चावल की बोरी 5,000 येन में
देश में आलम यह है कि जापान सरकार के चावल भंडार भी खाली हो रहे हैं, बावजूद इसके देश में चावल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। देश के मशहूर कोशीहिकारी ब्रांड का 5 किलो की बोरी मई महीनें में 5,000 येन (35 डॉलर) तक पहुंच गई है। वहीं, इस महीने की शुरुआत में अन्य दूसरे ब्रांड्स की कीमतें 4,200 येन तक पहुंच गई।
प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस जापान की संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'हमें नहीं पता कि हम कीमतों को कम क्यों नहीं कर पाए हैं।' उन्होंने कहा कि हम पहले यह पता लगाएंगे कि देश में चावल की कितनी मात्रा है और यह कहां है।
महंगाई की क्या है वजह?
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के मुख्य अर्थशास्त्री टिम हरकोर्ट के मुताबिक जापान में कई वजहें हैं जो चावल की कीमतों को बढ़ा रही हैं। हरकोर्ट के मुताबिक, जापान में सोशल मीडिया पर एक अफवाह चल रही है, जिसके अनुसार देश में बड़ा भूकंप आ सकता है। इस अफवाह की वजह से घबराहट में लोग खरीदारी कर रहे हैं। दूसरी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से देश में गेहूं की कमी है, जिसके कारण लोग चावल की जगह पर गेहूं का इस्तेमाल कर रहे हैं। कीमतें बढ़ने की तीसरी वजह जापान में पर्यटन में तेजी से हो रही बढ़ोतरी है, जिसकी वजह से देश में चावल की मांग ज्यादा है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब जापान में चावल की कमी देखने को मिल रही है। इससे पहले साल 2023 में जापान में पड़ी तेज गर्मी की वजह से किसानों की धान की फसल खराब हो गई थी। धान की अच्छी पैदावार नहीं होने की वजह से चावल की कीमतें बढ़ गई थीं।
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लेकिन इस बार के हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। देश में बढ़ती चावल की कीमतों की वजह से जापान के रेस्तरां और काफी संख्या में लोगों ने अच्छी किस्म के चावल को खाना कम कर दिया है। लोग सस्ते और आयातित किस्मों के चावल खरीदकर खा रहे हैं।
सरकार क्या उपाय कर रही?
जापान के कृषि मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी ने घोषणा की है कि शिगेरु इशिबा सरकार देश के प्रमुख खुदरा विक्रेताओं को 300,000 मीट्रिक टन चावल बेचेगी। सरकार चाहती है कि इस कदम से जून की शुरुआत तक सुपरमार्केट में चावल पहुंच जाए ताकि इसकी कीमतें आधी हो सके।
सरकार 2022 में पैदा हुए 200,000 टन पुराने चावल और 2021 में बचाए गए 100,000 टन चावल खुदरा विक्रेताओं को बेचेगी। कृषि मंत्री कोइज़ुमी ने कहा कि सरकार के इस कदम के बाद लोगों को 5 किलों बोरी की कीमत लगभग 2,160 येन हो जाएगी। इसके अलावा सरकार खुदरा विक्रेताओं को चावल भेजने के लिए परिवहन लागत वहन करने की योजना बना रही है।