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गीता पर शपथ कानूनी रूप से मान्य? अमेरिका समेत इन देशों में परंपरा कायम

भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने FBI चीफ के रूप में गीता पर हाथ रखकर शपथ ली। इस दौरान सवाल पैदा होता है कि क्या गीता पर शपथ कानूनी रूप से मान्य है?

Kash Patel Oath Geeta

गीता, Photo Credit: Pixabay

भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के चीफ के रूप में आधिकारिक तौर पर शपथ ली। उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर ये शपथ ग्रहण की। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान काश पटेल के चाचा कृष्णकांत पटेल ने कहा कि भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लेना एक बड़ी बात है, क्योंकि इससे उन्होंने अपनी संस्कृति को जिंदा रखा है। उन्होंने ऐसा करके मैसेज दिया कि वो विदेश में भी अपनी भारतीय संस्कृति को जिंदा रखेंगे। यही सबसे बड़ी बात है।

 

बता दें कि काश पटेल इकलौते ऐसे भारतीय-अमेरिकी नहीं है जिन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर किसी बड़े पद पर शपथ ली। ऐसा माना जाता है कि गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने की इस परंपरा को 2013 में अमेरिका की पहली हिंदू कांग्रेसवुमन तुलसी गबार्ड ने शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि गीता उनके जीवन का मार्गदर्शन करती है।

 

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अमेरिका, भारत, ब्रिटेन जैसे देशों में गीता पर लिया जाता है शपथ

बता दें कि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और कई अन्य लोकतांत्रिक देशों में व्यक्ति अपनी धार्मिक मान्यताओं या व्यक्तिगत पसंद के तहत शपथ ग्रहण कर सकता है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति बाइबिल, गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब या संविधान पर हाथ रखकर शपथ ले सकता है। ऐसे में सवाल है कि क्या गीता पर शपथ कानूनी रूप से मान्य है? जवाब है- नहीं। जी हां, गीता, बाइबिल, कुरान जैसी धार्मिक पुस्तकों पर शपथ लेना केवल एक परंपरा है, कानूनी बाध्यता नहीं। बता दें कि गीता पर शपथ लेना अनिवार्य नहीं है, यह पूरी तरह से व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। लोग अपने धार्मिक विश्वास या संविधान के प्रति निष्ठा जताते हुए शपथ ले सकते हैं। 

 

जब ट्रंप ने बाइबिल पर लिया था शपथ

बात करें डोनाल्ड ट्रंप की तो 20 जनवरी 2017 को राष्ट्रपति पद की शपथ के दौरान उन्होंने दो बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली थी। इसमें अब्राहम लिंकन की बाइबिल (Lincoln Bible) और ट्रंप का निजी बाइबिल शामिल था। अब्राहम लिंकन की बाइबिल वही बाइबिल थी जिस पर 1861 में अब्राहम लिंकन ने शपथ ली थी। यह बाइबिल ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसे अमेरिकी इतिहास का प्रतीक माना जाता है। वहीं, ट्रंप की निजी बाइबिल ट्रंप को उनकी मां, मैरी ऐनी मैक्लियोड ट्रंप ने 1955 में गिफ्ट की थी। इसे उन्होंने चर्च में जाने के दौरान इस्तेमाल किया था।

 

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क्या अमेरिका में शपथ के लिए बाइबिल अनिवार्य है?

अमेरिकी राष्ट्रपति संविधान या किसी भी धार्मिक ग्रंथ पर शपथ ले सकते हैं। कुछ राष्ट्रपति कोई ग्रंथ इस्तेमाल नहीं करते, जैसे जॉन क्विंसी एडम्स ने संविधान पर शपथ ली थी। बराक ओबामा ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर की बाइबिल का इस्तेमाल किया था।

 

भारत में शपथ ग्रहण के नियम (अनुच्छेद 75 और 164 के तहत)

संविधान के अनुसार, मंत्री, सांसद या विधायक को राष्ट्रपति या राज्यपाल के समक्ष शपथ लेनी होती है। व्यक्ति 'ईश्वर के नाम पर' या 'सत्यनिष्ठा की शपथ' में से कोई एक ऑप्शन चुन सकता है। यह शपथ संविधान के नाम पर भी ली जा सकती है।

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