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निमिषा प्रिया की फांसी पर ग्रैंड मुफ्ती के दावे ने बढ़ाया कन्फ्यूजन

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी का फैसला पूरी तरह से पलट दिया है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने ऐसा दावा किया है। हालांकि, यह दावा गलत बताया जा रहा है।

nimisha priya

निमिषा प्रिया। (Photo Credit: AI Generated Image)

यमन में कैद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द होने का दावा किया है। न्होंने दावा किया है कि यमन ने निमिषा प्रिया की फांसी को 'पूरी तरह से रद्द' कर दिया है। हालांकि, न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से इस दावे को खारिज किया है।

 

निमिषा प्रिया को अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 16 जुलाई को फांसी होनी थी, जिसे टाल दिया गया था। अब दावा किया जा रहा है कि उनकी फांसी को रद्द कर दिया गया है। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक इसे लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। 

ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस ने क्या बताया?

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के ऑफिस ने बयान जारी कर निमिषा की फांसी रद्द होने की जानकारी दी है।

 

 

ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि यमन में एक हाईलेवल मीटिंग में निमिषा प्रिया की फांसी को पूरी तरह से रद्द करने का फैसला लिया गया है, जिसे पहले अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था।

 

हालांकि, अब बताया जा रहा है कि निमिषा की फांसी को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। ANI को सूत्रों ने बताया है कि जो दावा किया गया है, वह गलत है।

 

 

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ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस के दखल से बढ़ी थी उम्मीद

निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख 16 जुलाई मुकर्रर की गई थी। उनकी फांसी से एक दिन पहले ग्रैंड मुफ्ती कंथापुर एपी अबूबकर मुसलियार ने दखल दिया था और यमन के सूफी विद्वान हबीब उमर बिन हाफिज से फांसी रुकवाने को लेकर बात की थी। बताया जा रहा है कि हबीब उमर बिन हाफिज ने तलाल अब्दो के परिवार से बात की थी।

 

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क्या था यह पूरा मामला?

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। साल 2008 में निमिषा केरल गई थीं। 2011 में शादी के लिए वापस लौटीं। बाद में उनके पति टॉमी थॉमस भी यमन गए। हालांकि, 2014 में उनके पति और बेटी केरल लौट आए।

 

यमन की राजधानी सना में निमिषा अपना क्लीनिक खोलना चाहती थीं। हालांकि, यमन का स्थानीय नागरिक ही कोई बिजनेस शुरू कर सकता है। ऐसे में निमिषा की मुलाकात यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी से हुई। दोनों ने मिलकर राजधानी सना में एक क्लीनिक खोला। बाद में तलाल उन्हें टॉर्चर करने लगा। उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था।

 

इस बीच निमिषा ने अपना पासपोर्ट छुड़वाने के लिए तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन दिया लेकिन इसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई।

 

तलाल की हत्या के मामले में 2020 में यमन की ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को फांसी की सजा सुनाई थी। अप्रैल 2023 में यमन की सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा। बाद में जनवरी 2024 में यमन के हूती विद्रोहियों की काउंसिल ने भी उनकी फांसी को बरकरार रखा।

 

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