खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का दावा करने वाले कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को उनकी ही सरकार ने खारिज कर दिया है। विदेशी हस्तक्षेप पर कनाडाई आयोग ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निज्जर की हत्या में किसी विदेशी मुल्क का लिंक होने का कोई ठोस सबूत नहीं है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
कनाडा के अंदरूनी मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की जांच के लिए कनाडाई सरकार ने मैरी जोसी हॉग आयोग का गठन किया था। इस आयोग ने 123 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है।
इस रिपोर्ट में भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया है। हालांकि, ये भी साफ किया गया है कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के संबंध स्थापित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
भारत पर चुनाव में दखल का आरोप
कनाडाई आयोग ने भारत पर कनाडा के चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अपने अधिकारियों और प्रॉक्सी एजेंट के जरिए भारत ने कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है।
कनाडा के इन आरोपों पर भारत ने तगड़ा जवाब दिया है। भारत ने कहा, 'हमने कथित हस्तक्षेप को लेकर एक रिपोर्ट देखी है। ये असल में कनाडा ही है जो लगातार भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है। कनाडा ने अवैध प्रवासन और संगठित अपराधों के लिए भी माहौल तैयार किया है।'
ट्रूडो ने लगाया था निज्जर हत्याकांड का आरोप
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर 18 जून 2023 को गोली मारकर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। निज्जर खालिस्तानी आतंकी था। निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने लगाया था। ट्रूडो ने पहली बार सितंबर 2023 में संसद में ये आरोप लगाया था।
इसके बाद पिछले साल कनाडाई पुलिस ने भी भारतीय राजनयिकों और एजेंटों के निज्जर हत्याकांड में शामिल होने का दावा किया था। हालांकि, भारत ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है। कनाडाई पुलिस की रिपोर्ट आने के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में जबरदस्त तनाव आ गया था। इसके बाद भारत ने कनाडा में अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया था। भारत में कनाडा के राजनयिकों को भी वापस भेज दिया गया था। पिछले साल 20 नवंबर को भारत ने कनाडा के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।