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हर देश में भीख क्यों मांग रहे पाकिस्तानी? इस्लामिक देश भी हो गए परेशान

पाकिस्तान के बहुत सारे लोग दूसरे देशों का वीजा लेकर वहां जाते हैं लेकिन वीजा खत्म होने के बावजूद लौटते ही नहीं हैं। इससे कई देश परेशान हो गए हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit: Meta AI

पाकिस्तान में चल क्या रहा है? कभी खबर आती है कि यहां के लोग दूसरे मुल्कों में जाकर भीख मांग रहे हैं तो कभी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की एयर होस्टेस दूसरे मुल्कों में जाकर गायब हो जाती हैं। पिछले कुछ वक्त से पाकिस्तान से जुड़ी एक और खबर यूरोप के देशों के साथ-साथ मिडिल ईस्ट के देशों को परेशान कर रही है कि पाकिस्तान से 50,000 के करीब लोग गायब हैं और न सरकार को पता है कि वे कहां है और न ही उन मुल्कों को जहां का वीज़ा लगवाकर वे धार्मिक यात्रा के चलते पाकिस्तान से बाहर गए थे। 

 

पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के डेटा पर ही नज़र मारें तो पता चलता है कि 2022 से 2024 के बीच अकेले सऊदी अरब से 4000 पाकिस्तानी मूल के भिखारियों को पाकिस्तान डिपोर्ट किया जा चुका है। यानी पाकिस्तान ने न सिर्फ आतंकवाद के चलते पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है बल्कि अब दुनियाभर में भीख मांगने वालों में भी पाकिस्तान का नंबर अव्वल है। वैसे तो यह पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी की बात होनी चाहिए लेकिन पाकिस्तान के मंत्री गर्व से बताते हैं कि ये भीख मांगने वाले पाकिस्तानी अरबों रुपये की कमाई कर रहे है।

 

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2023 में छपी डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, उस वक्त पाकिस्तान की ओवरसीज मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी जुल्फिकार हैदर ने बताया था कि दुनियाभर में जितने भी भिखारी गिरफ्तार होते हैं उनमें से 90% पाकिस्तानी होते हैं। इस पर ज़ुल्फिकार ने कहा था 'इंडिया चांद पर पहुंच गया है और हम रोज़ कोई चांद चढ़ा देते हैं।'

दूसरे देशों में ही रुक जाते हैं पाकिस्तानी

 

आइए जानते हैं कि आखिर कैसे पाकिस्तान के लोग धार्मिक यात्रा के नाम पर मिडिल ईस्ट के दूसरे मुल्कों का वीज़ा लगवाते हैं और फिर वहां से वापस नहीं लौटते। कुछ लोग उन्हीं मुल्कों में भीख मांगने का धंधा करते हैं। वहीं, कुछ लोग यूरोपी देशों में अवैध रूप से दाखिल होकर वहां बस जाते हैं और साथ ही बात होगी इस सवाल पर भी कि आखिर पाकिस्तान सरकार ने इसके लिए अब क्या कदम उठाया है।

 

सबसे पहले पाकिस्तान के अखबार Dawn में इसी साल 20 अप्रैल को छपी एक खबर पर नज़र मारिए, जिससे आपको पाकिस्तान के आर्थिक हालात समझ आएंगे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने एक डेटा शेयर करते हुए कहा कि पाकिस्तान में इस वक्त लगभग 2 करोड़ 20 लाख भिखारी हैं, जो हर साल कम से कम 42 अरब पाकिस्तानी रुपये की कमाई कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के हालात वाकई खराब हैं। खैर यह तो उनका अंदरूनी मामला है लेकिन पाकिस्तान के सामने एक और संकट है।

 

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ताज़ा खबर यह है कि पाकिस्तान 1 जनवरी 2026 से शिया मुसलमानों पर अकेले विदेश यात्रा करने पर बैन लगाने जा रहा है। हुआ यह कि ईराक, ईरान और बाकी देशों की तरफ से पाकिस्तान को लगातार यह चेतावनी दी जा रही थी कि उनके लोग वीज़ा लेकर आते हैं और अवैध रूप से वहीं बस जाते हैं। इसी के चलते पाकिस्तान को यह कदम उठाना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने 2 करोड़ 20 लाख भिखारियों का नंबर दिया तो उसमें यह नहीं बताया कि भीख मांगने वाले इन लोगों में कितने शिया मुसलमान है और कितने सुन्नी लेकिन बैन सिर्फ शिया कम्युनिटी पर ही लगाया गया है। अब शिया ही क्यों, उसे आगे समझते हैं। 

परेशान हो गए हैं कई देश

 

दरअसल, पाकिस्तान के लोग हर साल धार्मिक यात्रा पर मुल्क से बाहर जाते हैं। शिया सेक्ट को मानने वाले ज्यादातर ईराक और ईरान की धार्मिक यात्रा करते हैं और सुन्नी सेक्ट को मानने वाले लोग ज्यादातर लोग सऊदी अरब की यात्रा पर जाते हैं, जहां उनका सबसे पवित्र धार्मिक स्थल मक्का मदीना है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि शिया मक्का मदीना नहीं जाते। मक्का-मदीना जाकर हज करने वालों में ज्यादा तादाद सुन्नियों की होती है। 

 

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इन्हीं धार्मिक यात्राओं के लिए पाकिस्तानियों को वीज़ा लेना होता है लेकिन इनमें से हज़ारों लोग वहां भीख मांगकर गुज़ारा करने लगते हैं और वीज़ा खत्म होने के बाद भी वहीं रहते हैं। यही कारण है कि हर साल हज़ारों पाकिस्तानियों को ये देश डिपोर्ट करते हैं। पिछले साल पाकिस्तान ने ऐसे ही 4000 से ज्यादा भिखारियों को No Flying List में डाल दिया था। डेटा से पता चलता है कि पिछले कुछ साल में लगभग 40,000 पाकिस्तानी तीर्थयात्री इराक, सीरिया और ईरान में रह गए हैं। हजारों की संख्या में पाकिस्तानी ज़ायरीन वीज़ा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां कुछ लोग वीजा जंप करके वहीं बस रहे हैं तो कुछ अवैध कामों में भी शामिल हो रहे हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भी पाकिस्तान में पॉलिटिक्स हो रही है। 

क्या है नया नियम?

 

पाकिस्तान सरकार ने एक नया फरमान सुनाया है कि अब 1 जनवरी 2026 से कोई भी शिया मुसलमान अकेले इराक में ज़ियारत के लिए नहीं जा सकेगा। यानी अगर आप पाकिस्तानी शिया हैं और अकेले कर्बला, कुम या नजफ की पवित्र ज़ियारत पर जाना चाहते हैं तो अब इसकी अनुमति नहीं होगी। ज़ियारत यानी पैग़ंबर मोहम्मद या शिया इमामों की दरगाहों की धार्मिक यात्रा, जो शिया समुदाय के लिए बेहद अहम और पवित्र परंपरा है। ज़ियारत करने वालों को ज़ायरीन कहा जाता है और हर साल हज़ारों पाकिस्तानी शिया ज़ायरीन इराक और ईरान की धार्मिक जगहों पर जाते हैं लेकिन सऊदी जाने वाले सुन्नियों पर ऐसा कोई बैन नहीं लगाया गया है। क्या यह सिर्फ शियाओं के प्रति पाकिस्तान की नफरत को दर्शाता है?


क्या पाकिस्तानी शिया को किया जा रहा टारगेट?

 

असल में पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जो सुन्नी बहुल है। वहां शियाओं की आबादी महज़ 10 से 15% है। शियाओं की आबादी के मामले में भले ही पाकिस्तान ईरान के बाद दूसरे नंबर पर आता हो लेकिन वहां शियाओं की क्या हालत है यह किसी से छुपी नहीं है। शियाओं को पाकिस्तान में हाशिए पर रखा जाता है। चाहे वह धार्मिक आज़ादी हो, सुरक्षा का सवाल हो या फिर आर्थिक अवसरों की बात। उन्हें हमेशा ही हिंसा, भेदभाव और कट्टरपंथियों के निशाने का शिकार होना पड़ा है। पाकिस्तान में अक्सर इस कम्युनिटी पर पाबंदियों की तलवार लटकी रहती है, जिसका जीता जागता उदाहरण पाकिस्तान का यह नया फरमान है जबकि सऊदी भी पिछले तीन साल में 4000 के करीब पाकिस्तानी भिखारियों को डिपोर्ट कर चुका है और यह किसी को बताने की जरूरत नहीं कि पाकिस्तान से सऊदी जाने वाले लोग सिर्फ शिया सेक्ट के नहीं होते, फिर भी बैन शियाओं पर ही लगाया गया है। हालांकि, इसमें इतना कसूर इन लोगों का नहीं जो दूसरे मुल्कों में भीख मांगकर गुज़ारा कर रहे हैं, इसके पीछे का बड़ा कारण है पाकिस्तान की इकॉनमी।

 

पाकिस्तान की डूबती इकॉनमी

 

2025 के इकनॉमिक सर्वे में पाकिस्तान ने खुद माना कि सिर्फ साल के पहले कुछ महीनों में ही पाकिस्तान पर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये का कर्ज़ हो चुका है। इसमें से 51,500 अरब रुपये का घरेलू कर्ज है जबकि 24,500 अरब देशों से उठाए गए कर्ज़ हैं। IMF से लिए बेलआउट पैकेज और बार-बार की किस्तों की बैसाखियों पर टिका पाकिस्तान कुछ हद तक सर्वाइवल मोड में है। इकॉनमी की यह हालत होगी तो नौकरियों और महंगाई का आलम तो सबको पता ही है। ऐसे में पाकिस्तान के पढ़े-लिखे नौजवान भी अब पाकिस्तान से बाहर भागने की फिराक में रहते हैं। पाकिस्तान की इन हरकतों की वजह से कई यूरोपीय देश पाकिस्तानियों के वीज़ा को रिजेक्ट कर देते हैं जिसके चलते वे अवैध रूप से दूसरे देशों में जाने की कोशिश करते हैं।
 
अप्रैल 2025 में हज वीज़ा के गलत इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान समेत 14 देशों पर बैन लगा और मई 2025 में फिर 5,033 पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट किया गया। 2023 में सऊदी सरकार के मुताबिक, मक्का की ग्रैंड मस्जिद में पकड़े गए जेबकतरों में से 90% पाकिस्तानी थे। सऊदी अरब में भीख मांगना न सिर्फ ग़ैरकानूनी है, बल्कि इसके लिए 6 महीने की जेल और 50,000 रियाल तक का जुर्माना भी लग सकता है। नतीजा यह है कि अब हज़ारों पाकिस्तानी नागरिक सऊदी जेलों में बंद हैं और दुनिया के सामने पाकिस्तान की इमेज को और नुकसान हो रहा है।


गैर-इस्लामी देशों के हालात 

 

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तानियों से सिर्फ इस्लामिक देश ही परेशान हैं। फ्रांस, UK और अमेरिका जैसे मुल्क भी अवैध पाकिस्तानियों से परेशान हैं। 2024 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की मरियम रज़ा नाम की एयर होस्टेज 26 फरवरी को इस्लामाबाद से टोरंटो पहुंची थीं लेकिन अगले दिन कराची लौटने वाली फ्लाइट के लिए रिपोर्ट नहीं किया। जब मरियम को खोजने उसके होटल रूम में गए, तो वहां उसकी यूनिफॉर्म और 'थैंक्यू, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस' लिखा एक नोट मिला। मरियम रज़ा अकेला मामला नहीं है। इससे ठीक एक महीने पहले, जनवरी 2024 में PIA की फ्लाइट अटेंडेंट फैज़ा मुख्तार भी कैनेडा में गायब हो गई थीं। वह भी लैंडिंग के अगले दिन वापस कराची लौटने वाली फ्लाइट पर नहीं चढ़ीं।

 

कारण यह कि PIA जो फाइनेंसियल क्राइसिस से जूझ रहा है, उसमें 2018 से लगातार फ्लाइट अटेंडेंट्स कनाडा में लैंड करने के बाद लापता हो रहे हैं। एविएशन वेबसाइट सिंपल फ्लाइंग और द मीडिया लाइन की मानें तो यह ट्रेंड 2018 से शुरू हुआ और अब रफ़्तार पकड़ चुका है। 2023 में ही PIA के कम से कम 7 फ्लाइट अटेंडेंट्स कनाडा पहुंचने के बाद लापता हो गए। 

 

वहीं, यूरोपियन यूनियन के डेटा को देखें तो 2023–24 में 28,000 से ज़्यादा पाकिस्तानी लोगों ने शरण के लिए आवेदन दिया, जिनमें फ्रांस, जर्मनी, इटली और ग्रीस टॉप पर हैं। फ्रांस में तो हाल ही में एक बंद ट्रक में 30 से ज़्यादा पाकिस्तानी प्रवासियों को रेस्क्यू किया गया जो स्मगलिंग रूट्स के ज़रिए UK पहुंचने की फिराक़ में थे। UK ने चैनल-क्रॉसिंग के ज़रिए आ रहे पाकिस्तानियों की संख्या बढ़ने पर एक इमरजेंसी क्रैकडाउन शुरू किया है, जिसमें छोटी नावों की एंट्री रोकने के लिए One In, One Out नीति लागू की गई है। यानी अगर एक नया प्रवासी देश में आता है तो पहले से मौजूद किसी प्रवासी को बाहर निकाला जाएगा। ऐसे ही अमेरिका में FBI ने टेक्सास में दो पाकिस्तानी लोगों को वीजा से जुड़ी धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं, अमेरिका और कनाडा में डंकी रूट यानी फर्जी ट्रैवल डॉक्युमेंट्स से माइग्रेशन भी एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन चुका है। अब इन देशों को डर है कि अवैध रूप से घुसने वाले लोग सिर्फ आर्थिक बोझ ही नहीं हैं। ऐसे लोग संगठित अपराध, धोखाधड़ी और कुछ मामलों में कट्टरता को भी बढ़ा रहे हैं। 

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