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मार्क कार्नी या पोलीवियरे? कनाडा आज चुनेगा नया PM; पढ़ें हर एक डिटेल

कनाडा में मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बने रहेंगे या उनकी जगह पियरे पोलीवियरे लेंगे? कुछ ही घंटों में इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी। कनाडा में समय से पहले हो रहे संसदीय चुनाव के लिए आज वोटिंग होनी है।

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मार्क कार्नी और पियरे पोलीवियरे। (Photo Credit: X@MarkJCarney/@PierrePoilievre)

कनाडा में आज आम चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और विपक्षी नेता पियरे पोलीवियरे के बीच हो रहा है। मार्क कार्नी को मार्च में तब प्रधानमंत्री चुना गया था, जब जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया था। कनाडा में संसदीय चुनाव अक्टूबर में होने थे लेकिन इन्हें समय से पहले करवाया जा रहा है। कनाडा में चुनाव ऐसे वक्त होने जा रहे हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अटैक की वजह से टेंशन बना हुआ है।


मार्क कार्नी अगर इस चुनाव में हार जाते हैं तो वह सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री बने रहने वाले नेता होंगे। इस चुनाव में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवियरे ने बढ़त बना रखी है।

 

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इस चुनाव के 4 बड़े चेहरे

  • मार्क कार्नीः लिबरल पार्टी के नेता हैं। उन्हें प्रधानमंत्री बने डेढ़ महीना ही हुआ है। बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रह चुके मार्क कार्नी को मार्च में लिबरल पार्टी का नेता चुना गया था। हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ चुके मार्क कार्नी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ मुखर रहे हैं।
  • पियरे पोलीवियरेः कंजर्वेटिव पार्टी के नेता हैं। 45 साल के पियरे बीते दो दशक से कनाडा की राजनीति में सक्रिय हैं। जुलाई 2023 से मार्च 2025 के बीच पियरे की लोकप्रियता काफी बढ़ी थी। हालांकि, ट्रूडो के इस्तीफे के बाद उनकी लोकप्रियता में थोड़ी कमी आई है।
  • वेस फ्रैंक्वॉइस ब्लैंचेटः 2019 से ब्लैंचेट ब्लॉक क्यूबेकॉइस पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। यह पार्टी सिर्फ उन सीटों पर चुनाव लड़ती है, जहां फ्रेंच बोली जाती है। अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में ब्लॉक क्यूबेकॉइस पार्टी की भूमिका अहम हो सकती है।
  • जगमीत सिंहः न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं। जगमीत सिंह को वामपंथी विचारधारा का समर्थक माना जाता है। 2017 से उनकी पार्टी ने ट्रूडो को प्रधानमंत्री बने रहने में मदद की थी। हालांकि, कुछ सालों में पार्टी की लोकप्रियता घटी है। पिछले चुनाव में पार्टी 24 सीटें ही जीत सकी थी।

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कनाडा में कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री?

कनाडा का चुनावी सिस्टम भी भारत की तरह ही है। यहां 343 सीटें हैं। बहुमत के लिए 172 सीटें जीतना जरूरी है। हर सीट से एक सांसद चुना जाता है। जिस तरह से भारत में जनता उम्मीदवार को चुनती है, उसी तरह कनाडा में भी जनता अपना सांसद चुनती है। हालांकि, कनाडा में हर 4 साल में संसदीय चुनाव होते हैं। 


चुनाव के बाद जिस पार्टी या गठबंधन को बहुमत मिलता है, उसका नेता प्रधानमंत्री बनता है। चुनाव से पहले ही पार्टी का नेता चुन लिया जाता है। अगर किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है तो दूसरी पार्टियों के समर्थन से सरकार बनाई जाती है। 

 

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2.8 करोड़ वोटर्स करेंगे वोट

इस चुनाव में कनाडा में 2.8 करोड़ वोटर्स हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में सांसद चुनेंगे। कनाडा में सांसदों को राइडिंग भी कहा जाता है। पिछले चुनाव में 338 सीटें थीं, जिन्हें अब बढ़ाकर 343 कर दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि कनाडा में 6 अलग-अलग टाइम जोन हैं, इसलिए यहां अलग-अलग समय पर वोटिंग खत्म होती है। वोटिंग खत्म होने के बाद काउंटिंग शुरू हो जाती है। 


इस चुनाव में लिबरल पार्टी के एक बार फिर सत्ता में लौटने के आसार हैं। ओपिनियन पोल में मार्क कार्नी आगे चल रहे हैं। ओपिनियन पोल्स में मार्क कार्नी को 42.5% जबकि पियरे पोलीवियरे को 38.5% वोट मिलते दिख रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, 71% लोगों का मानना है कि लिबरल पार्टी आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी।

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