logo

ट्रेंडिंग:

'क्या दुनिया में दो कानून हैं?', एमजे अकबर ने अमेरिका-यूरोप को घेरा

पाकिस्तान को बेनकाब करने वाले डेलिगेशन में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पश्चिमी देशों की आलोचना की है। उन्होंने आतंकवाद पर पश्चिम के दोहरे रवैये पर सवाल उठाए हैं।

mj akbar

एमजे अकबर। (Photo Credit: X@mjakbar)

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने आतंकवाद पर पश्चिमी देशों के दोहरे रवैये की कड़ी आलोचना की है। पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने पहुंचे डेलिगेशन में शामिल एमजे अकबर ने पश्चिमी देशों पर भारतीयों की जिंदगी की कीमत को कम आंकने का आरोप लगाया। उन्होंने भारत पर हो रहे आतंकी हमलों पर पश्चिम की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।


एमजे अकबर ने पूछा, 'क्या इस दुनिया में दो अलग-अलग कानून हैं? एक अमेरिका और पश्चिम के लिए और दूसरा भारत  लिए?' 


उन्होंने कहा, '9/11 के बाद अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में 12 हजार किलोमीटर अंदर तक गया। उन्होंने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। जनरल मुशर्रफ ने भी इसे माना। लेकिन जब आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत सिर्फ 500 किलोमीटर दूर कार्रवाई करता है तो हमें संयम बरतने के लिए कहा जाता है।'

और क्या-क्या बोले एमजे अकबर?

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद की अगुवाई में यह डेलिगेशन बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और यूके के दौरे पर है। इसी डेलिगेशन में शामिल एमजे अकबर ने पश्चिम पर सवाल उठाए। अकबर ने कहा, 'भारत बदला नहीं, बल्कि न्याय चाहता है।'


उन्होंने कहा, 'भारतीयों की जान की भी उतनी ही कीमती है। हम लोकतंत्र और स्वतंत्रता के यूरोपीय मूल्यों को साझा करते हैं। फिर भी बहुत से लोग तटस्थ हैं।'

 

 

अकबर ने कहा, 'हमारे साथ खड़े होने की बजाय, इतने सारे यूरोपीय देश न्यूट्रल क्यों हैं? फिर भी हमें यूरोप में अपने दोस्तों को याद दिलाना होगा कि जब हम इस समय एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं तो हम उन्हें पीछे नहीं छोड़ सकते। दो कानूनों का युग खत्म हो गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने दुनियाभर में एक बहुत शक्तिशाली संदेश भेजा है और यह संदेश गूंज रहा है।'

रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा?

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान का जन्म एक ही दिन हुआ था। भारत में लोकतंत्र है। पाकिस्तान में जनरल ही सबकुछ हैं। आम तौर पर लोग राष्ट्र बनाते हैं, लेकिन पाकिस्तान एक ऐसा देश बन गया है, जहां जनरलों ने खुद ही राष्ट्र बनाया है। हमने पाकिस्तान के साथ चार युद्ध लड़े हैं और सभी जीते हैं। हम पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ नहीं हैं। पाकिस्तान के लोग भी पाकिस्तान के जनरलों से उतने ही तंग आ चुके हैं।'

 

 

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। इस बार, सरकार ने फैसला किया कि अब बहुत हो गया, और सभी राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया। हमें अपने सशस्त्र बलों पर बहुत गर्व है क्योंकि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है।'

 

 

रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'क्या आतंक के पीड़ितों के मानवाधिकार हैं या नहीं? क्या उस दुल्हन के कोई मानवाधिकार हैं या नहीं, जिसने एक आतंकवादी की गोली से अपने पति को खो दिया? हम आतंक के पीड़ितों के मानवाधिकारों के लिए दृढ़ता से खड़े हैं।'

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम अटैक

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। 


इस हमले के बाद 6 और 7 मई की रात को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 9 ठिकानों को उड़ा दिया था। इस हमले में ग्लोबल टेररिस्ट मसूद अजहर के परिवार के भी 10 लोग मारे गए थे।


ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर पाकिस्तान की सेना ने भारत में सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमला किया था, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से घबराकर 10 मई को पाकिस्तान ने सीजफायर की पहल की। इसके बाद 4 दिन तक चला सैन्य संघर्ष खत्म हो गया था। हालांकि, तनाव अब भी बना हुआ है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap