बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी जनरल को एक विवादास्पद गिफ्ट देकर हंगामा खड़ा कर दिया है। यह गिफ्ट कथित तौर पर बांग्लादेश एक विकृत नक्शा था जिसमें बांग्लादेश के साथ असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्य भी शामिल दिखाए गए थे। यह नक्शा पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरपर्सन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ढाका दौरे के दौरान भेंट किया गया। यूनुस के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा की गई तस्वीर में एक किताब भी दिखी जिसका नाम था ‘आर्ट ऑफ ट्रायंफ: बांग्लादेश का नया सवेरा’। यह किताब 2024 के छात्र आंदोलन की याद दिलाती है जिसने शेख हसीना की सरकार गिरा दी थी। लेकिन इस मैप ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया और विवाद शुरू हो गया।
यह नक्शा 'ग्रेटर बांग्लादेश' की अवधारणा को दर्शाता है। ग्रेटर बांग्लादेश का विचार ढाका स्थित इस्लामवादी संगठन 'सल्तनत-ए-बांग्ला' ने बढ़ावा दिया है। इस नक्शे में भारत का पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र, पश्चिम बंगाल और बिहार, झारखंड, ओडिशा के कुछ हिस्से शामिल हैं। साथ ही म्यांमार का अराकान राज्य भी बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया है। यह विकृत नक्शा पहली बार अप्रैल 2025 में सामने आया था जब ढाका विश्वविद्यालय में पोहेला बैशाख यानी बंगाली नववर्ष के मौके पर एक प्रदर्शनी में इसे लगाया गया। बाद में अगस्त 2025 में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया।
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क्या है ग्रेटर बांग्लादेश?
2024 में भी यूनुस के करीबी सहयोगी नाहिदुल इस्लाम ने ग्रेटर बांग्लादेश का विचार पेश किया था। उन्होंने एक नक्शा साझा किया जिसमें पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के हिस्से बांग्लादेश में दिखाए गए थे। अब यूनुस का यह गिफ्ट दूसरी बार पूर्वोत्तर भारत का जिक्र करता है। इससे पहले अप्रैल में चीन दौरे पर यूनुस ने कहा था कि ढाका क्षेत्र का 'समुद्र का एकमात्र देखरेख करने वाला' है क्योंकि भारत का पूर्वोत्तर भाग लैंक लॉक्ड है। उन्होंने कहा, 'भारत के सात राज्य, पूर्वी भारत... लैंड लॉक्ड देश हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।' इस बयान के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के पूर्वोत्तर की रणनीतिक महत्ता दोहराई। उन्होंने इसे बिम्सटेक देशों – बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड – के लिए कनेक्टिविटी का केंद्र बताया।
रिश्ते हुए खराब
शेख हसीना सरकार गिरने के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते खराब हो गए हैं। यूनुस चीन और पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच तनाव का एक बड़ा कारण है। भारत को पड़ोसी देशों से क्षेत्रीय विवादों का सामना करना पड़ रहा है। चीन के साथ भी सीमा विवाद चल रहा है। हाल ही में रिश्तों में सुधार के बावजूद चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत और लद्दाख के अक्साई चिन को अपना बताता रहता है। 2023 में चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने एक नक्शा जारी किया जिसमें अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को चीनी क्षेत्र दिखाया गया। भारत ने चीनी विदेश मंत्रालय से कड़ा विरोध जताया।
कश्मीर का भी विवाद
पाकिस्तान के साथ भी कश्मीर विवाद बना हुआ है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर अपना दावा करता है। वर्तमान में यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बंटा है। यूनुस का यह गिफ्ट न सिर्फ भारत के लिए चिंता की बात है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे नक्शे और बयान पड़ोसी देशों के बीच अविश्वास बढ़ाते हैं। भारत सरकार इस मामले पर नजर रख रही है और जरूरी कदम उठा सकती है।
पूर्वोत्तर के लोग भी नाराज़
यह घटना दिखाती है कि बांग्लादेश में नई सरकार के आने से क्षेत्रीय राजनीति में बदलाव आ रहा है। यूनुस की पाकिस्तान और चीन से नजदीकी भारत के लिए चुनौती है। पूर्वोत्तर राज्यों के लोग भी इस नक्शे से नाराज हैं। सोशल मीडिया पर लोग इसे भारत की संप्रभुता पर हमला बता रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाने की कोशिश हो रही है।
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ग्रेटर बांग्लादेश का विचार पुराना है लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने इसे फिर से जीवित कर दिया है। सल्तनत-ए-बांग्ला जैसे संगठन तुर्की की एनजीओ से समर्थन पाते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ऐसे नक्शे भारत की एकता के लिए खतरा हैं। अब यूनुस का गिफ्ट इस विवाद को और गहरा कर रहा है। भारत को अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।