बांग्लादेश में अब सियासी हालात तेजी से बदलते जा रहे हैं। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर चुनाव कराने का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच मोहम्मद यूनुस का कहना है कि बांग्लादेश में युद्ध जैसे हालात हैं। उनके प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने मोहम्मद यूनुस के हवाले से यह जानकारी दी।
मोहम्मद यूनुस ने कहा, 'देश के अंदर और बाहर, दोनों जगह युद्ध जैसी हालात पैदा हो गए हैं, जिस कारण हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। सबकुछ तबाह हो गया है और हम फिर से गुलामी की ओर धकेल दिए हैं।' शफीकुल आलम ने बताया कि मोहम्मद यूनुस ने यह बातें राजनीतिक पार्टियों के 20 नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान कही।
यूनुस ने कहा, 'जब से अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, तब से हालात को स्थिर करने की लगातार कोशिश की जा रही है। हमें खुद को इससे बचाना होगा।' अंतरिम सरकार ने 12 मई को अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था। अवामी लीग पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी है।
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चुनाव को लेकर क्या बोले यूनुस?
मोहम्मद यूनुस की राजनीतिक पार्टियों के साथ यह बैठक ऐसे वक्त हुई थी, जब उनके इस्तीफे की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। बताया जा रहा था कि यूनुस का कहना था कि जिस तरह का माहौल है, उसमें वे काम नहीं कर सकते। हालांकि, अब बताया जा रहा है कि यूनुस पद पर बने रहेंगे।
राजनीतिक पार्टियों के साथ हुई बैठक आम चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। इस बैठक में यूनुस ने साफ कर दिया कि अगले साल जून से पहले चुनाव करा दिए जाएंगे।
शफीकुल ने बताया कि इस बैठक में मोहम्मद युनूस ने साफ कर दिया कि बांग्लादेश में आम चुनाव इस साल दिसंबर से अगले साल जून के बीच करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि युनूस ने कहा कि 30 जून 2026 से पहले-पहले चुनाव हो जाएंगे। शफीकुल ने दावा किया कि इस पर सभी पार्टियों ने सहमति भी जता दी।
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दिसंबर तक चुनाव कराने पर अड़ी BNP
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) दिसंबर तक चुनाव कराने की जिद पर अड़ी हुई है। BNP ने युनूस सरकार से दिसंबर 2025 से पहले चुनाव कराने और 'विवादित सलाहकारों' को हटाकर नई कैबिनेट का गठन करने की मांग की है।
BNP नेता सलाहुद्दीन अहमद ने बताया कि अंतरिम सरकार तीन एजेंडों- सुधार, शेख हसीना की सरकार के नेताओं पर मुकदमा और चुनाव पर काम कर रही है।
इस बैठक में BNP के अलावा जमात-ए-इस्लामी और छात्रों की राजनीतिक पार्टी नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेता भी मौजूद थे। जमात-ए-इस्लामी के चीफ शफीकुर रहमान ने बताया कि हमने मीटिंग में सरकार के सामने चुनाव तारीखों को लेकर दो प्रस्ताव रखे हैं। पहला- फरवरी 2026 के बीच में या फिर अगर सुधारों में वक्त लगे तो रमजान के बाद।
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आर्मी क्या चाहती है?
बांग्लादेश की आर्मी भी चाहती है कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। आर्मी ने दिसंबर 2025 तक की डेडलाइन दी है। बताया जा रहा है कि हाल ही में आर्मी चीफ वकार-उज-जमां ने नेवी और एयरफोर्स चीफ के साथ यूनुस से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने दिसंबर से पहले चुनाव कराने की मांग रखी है।