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मालदीव को भारत ने मना लिया! PM ने 4,850 करोड़ लोन देने की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की लोन सुविधा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत को इस द्वीपीय देश का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है।

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नरेंद्र मोदी और मोहम्मद मुइज्जू। Photo Credit (@MMuizzu)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर मालदीव की राजधानी माले पहुंचे। पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब चीन मालदीव को रणनीतिक तौर पर अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहा है। मगर पीएम के दौरे के बाद दोनों देशों के रिश्तों को नया आयाम मिला है। मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने 60वें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया है। इस दौरान पीएम ने मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप बुलाए जाने को अपने लिए सम्मान की बात कहा। उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का आभार जताया।

 

इस दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि भारत लंबे समय से मालदीव का सबसे करीबी और सबसे भरोसेमंद साझेदार रहा है। हमारा सहयोग सुरक्षा और व्यापार से लेकर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और उससे भी आगे तक कई क्षेत्रों में फैला हुआ है, जो हमारे नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि हर दिन सैकड़ों मालदीववासी इलाज, शिक्षा और व्यापार के लिए भारत जाते हैं। 

भारत की साझेदारी अमूल्य

उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है, एक लचीली, समावेशी और दूरदर्शी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना जो हमारे युवाओं को सशक्त बनाने, डिजिटल युग में फलने-फूलने और हमारे साझा क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीवंत हो। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत की साझेदारी अमूल्य है।'

 

 

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4,850 करोड़ का लोन देने की घोषणा

वहीं, अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की लोन सुविधा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत को इस द्वीपीय देश का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। मोदी ने यह बयान मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय बातचीत के की। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर बल दिया।

 

पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की है कि दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे। बता दें कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में समर्थन करेगा भारत

उन्होंने कहा कि भारत ने मालदीव को 56.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (4,850 करोड़ रुपये) की लोन सुविधा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा। दरअसल, मोदी आज सुबह माले पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मुइज्जू और उनकी सरकार के कई शीर्ष मंत्रियों ने वेलेना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। पीएम के स्वागत से मालदीव द्वारा इस यात्रा को दिए गए महत्व का पता चलता है।

 

 

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पीएम को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

कुछ घंटों बाद, मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगी' दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले बैठक की।

द्विपक्षीय संबंधों में आई थी दरार

द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में 'इंडिया आउट' अभियान के दम पर मालदीव के दोबारा से राष्ट्रपति बने हैं। मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों की वजह से भारत के साथ संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया था। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी थी। इसके बाद, भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया।

 

भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका इस्तेमाल मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के लगातार कोशिशों ने मालदीव के साथ संबंधों को दोबारा से पटरी पर लाने में मदद की है। इसी के तहत भारत, माले को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में मदद कर रहा है।

 

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