पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में स्थित कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में सेना के अधिकारियों को संबोधित करने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा, 'अब दुनिया के देश नहीं चाहते हैं कि पाकिस्तान उसे कटोरा लेकर भीख मांगे। देश अब पाकिस्तान के साथ व्यापार, निवेश और नवाचार में पार्टनरशिप चाहते हैं।' अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने चीन को सबसे पुराना दोस्त बताया।
शहबाज ने आगे कहा, 'सऊदी अरब, तुर्किये, कतर और यूएई पाकिस्तान के भरोसेमंद दोस्त हैं। मगर वे अब हमसे उम्मीद करते हैं कि हम उनके साथ व्यापार, नवाचार, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश के क्षेत्र में सहयोग करें। दोस्त मुल्क हमसे अब यह उम्मीद नहीं करते हैं कि पाकिस्तान उनके सामने भीख का कटोरा लेकर आए।'
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'चीन आर्थिक सहयोग बढ़ाना चाहता है'
पाकिस्तान के पीएम ने कहा, 'मैं और फील्ड मार्शल असीम मुनीर अब इस बोझ (भीख मांगने) को अपने कंधों पर नहीं उठाना चाहते हैं। हम दोनों इस बोझ को उठाने वाले आखिरी व्यक्ति हैं। आखिरी में यह बोझ देश के कंधों पर होगा। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का पूरा इस्तेमाल करना होगा। चीन जैसा भरोसेमंद मुल्क हमारे साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ाना चाहता है।
हमें निर्यात बढ़ाना होगा: शहबाज शरीफ
शरीफ ने कहा कि प्राकृतिक और आर्थिक संसाधनों का पूरा इस्तेमाल करके ही देश की आर्थिक दिक्कतों से निपटा जा सकता है। अल्लाह ने जो प्राकृतिक और मानव संसाधन हमें दिए हैं, उनका पूरा इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई का आह्वान किया और कहा कि पाकिस्तान को अपने निर्यात बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए।
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पाकिस्तान पर कितना कर्ज?
सीईआईसी के डेटा के मुताबिक पाकिस्तान पर दिसंबर 2024 तक 131.1 बिलियन डॉलर विदेशी कर्ज था। पाकिस्तान के कर्ज की हालत यह कि उसके पास किस्तों के भुगतान तक का भी पैसा नहीं है। पाकिस्तान आईएमएफ और विश्वबैंक से कर्ज की उम्मीद करने में जुटा है। 2023 में भी शहबाज शरीफ ने कहा था कि दोस्त मुल्कों से कर्ज मांगना बेहद शर्मनाक है। कर्ज आर्थिक परेशानियों का स्थायी समाधान नहीं है। 2023 में शहबाज शरीफ ने सयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा की थी। तब यूएई ने 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया था। शहबाज से पहले इमरान खान भी कर्ज के चक्कर में कई देशों की यात्रा कर चुके थे।