दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर 10 से अधिक रॉकेट दागने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के साथ ब्योरा साझा किया जा रहा है। किसी भी उकसावे की कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। दक्षिण कोरिया की सेना का दावा है कि इन रॉकेटों को उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के करीब सुनान से दागा गया है। बता दें कि आम तौर पर उत्तर कोरिया से दागे जाने वाले हथियारों को दक्षिण कोरिया कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल मानना है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तहत उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल के इस्तेमाल पर बैन लगा है।
दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (JCS) ने बताया कि गुरुवार की सुबह उत्तर कोरिया ने मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम से लगभग 10 राउंड आर्टिलरी रॉकेट दागे। हमारी सेना ने इनका पता लगाया है। अमेरिका के साथ घटनाक्रम से जुड़ा ब्योरा साझा किया जा रहा है। उत्तर कोरिया की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
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240 मिमी आर्टिलरी रॉकेट दागे
दक्षिण कोरियाई मीडिया आउटलेट चोसुन इल्बो का कहना है कि उत्तर कोरिया ने 240 मिमी आर्टिलरी रॉकेट दागे हैं। हालांकि दक्षिण कोरिया की सेना ने रॉकेट सिस्टम के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। 18 जून को दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने संयुक्त रूप से हवाई अभ्यास शुरू किया। इसके अगले दिन यानी 19 जून की सुबह उत्तर कोरिया ने पश्चिमी सागर में 10 से अधिक रॉकेट दागकर हड़कंप मचा दिया।
तो क्या उत्तर कोरिया ने की उकसावे वाली हरकत?
उत्तर कोरिया पहले 600 मिमी के सुपर-लार्ज रॉकेट लांचर का इस्तेमाल करता था। इसे बैलिस्टिक मिसाइलों की श्रेणी में गिना जाता है। मगर इस बार 240 मिमी आर्टिलरी रॉकेट दागे। इन्हें बैलिस्टिक श्रेणी में नहीं गिना जाता है। उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल दागने पर दक्षिण कोरिया का ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ फटाक से मीडिया को जानकारी देता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के एक अधिकारी ने इसके पीछे की वजह बताई। उन्होंने कहा कि यह बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च नहीं था। इस कारण हमने कोई जानकारी साझा नहीं की। ऐसे रॉकेट अक्सर लॉन्च किए जाते हैं। इन्हें उकसावे के बजाय नियमित फायरिंग माना जाता है।