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लंबा रूट, महंगी टिकट; पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से क्या होगा असर?

पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस भारतीय एयरलाइन कंपनियों के लिए बंद कर दिया है। इससे अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का किराया महंगा हो सकता है, क्योंकि अब विमानों को लंबा रास्ता अपनाना होगा।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

पहलगाम अटैक पर भारत ने ऐक्शन लिया तो इससे पाकिस्तान बौखला गया। आनन-फानन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक बुलाई और भारत के खिलाफ कई फैसले लिए। पाकिस्तान की सरकार ने 1972 में हुए शिमला समझौते से बाहर निकलने का फैसला भी लिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि इससे भारतीय विमानों को अब यूरोप, अमेरिका या मिडिल ईस्ट जाने में न सिर्फ ज्यादा वक्त लगेगा, बल्कि किराया भी महंगा हो सकता है।


माना जा रहा है कि पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से किराये में 8 से 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एअर इंडिया और इंडिगो ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से उनकी कई उड़ानों पर असर पड़ा है। एअर इंडिया ने बताया कि नॉर्थ अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और मिडिल ईस्ट जाने के लिए अब दूसरा रास्ता तलाशा जा सकता है।

 

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क्या रास्ता लिया जाएगा अब?

एअर इंडिया और इंडिगो के अलावा एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एअर पर भी पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने का असर पड़ेगा, क्योंकि यह भी इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेट करती हैं। एयरलाइन अधिकारियों का कहना है कि अब अरब सागर का रास्ता अपनाना पड़ेगा।


हिंदुस्तान टाइम्स ने दिल्ली एयरपोर्ट के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि भारतीय और विदेशी एयरलाइंस की हर दिन करीब 550 उड़ानें पाकिस्तान से होकर गुजरती हैं। कम से कम 120 उड़ानों को अब साउथ की ओर जाना होगा, फिर मुंबई एयरस्पेस से होते हुए अरब सागर के ऊपर से पश्चिम के लिए उड़ान भरनी होगी। आखिर में अपने रूट पर आगे बढ़ने के लिए मस्कट (ओमान) के एयरस्पेस में जाना होगा।


पाकिस्तान की सरकार ने 2019 में पुलवामा अटैक के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक से घबराकर अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था। हालांकि, तब पाकिस्तान ने सभी एयरलाइंस के लिए इसे बंद किया था। मगर इस बार उसने भारतीय एयरलाइंस और भारत में रजिस्टर्ड एयरक्राफ्ट पर यह बैन लगाया है। मतलब यह कि विदेशी एयरलाइंस के विमान पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन भारतीय विमान नहीं।

 

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यूरोप-अमेरिका जाने का वक्त बढ़ेगा

एक सीनियर पायलट ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि एयरस्पेस बंद होने से अमेरिका और यूरोप जाने वाली भारतीय फ्लाइट का समय से 2 से 2.30 घंटे तक बढ़ जाएगा।


एक सीनियर अफसर ने बताया कि पाकिस्तान का एयरस्पेस इस क्षेत्र में काफी अहम है और भारतीय एयरलाइंस इसका बड़ा पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से दिल्ली, अमृतसर, जयपुर, लखनऊ और वाराणसी से उड़ान भरने वाले विमानों को अब लंबा रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।

 

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इसका असर क्या होगा?

ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने PTI को बताया कि एयरस्पेस बंद होने के कारण भारतीय एयरलाइन कंपनियों की अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का किराया 8 से 12 फीसदी बढ़ सकता है। अगर लंबे समय तक एयरस्पेस बंद रहता है तो टिकटों की कीमतें और बढ़ जाएंगी।


लंबा रास्ता अपनाने का मतलब होगा कि एयरलाइन कंपनियों को अब ज्यादा तेल खर्च करना होगा, इससे इनकी ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ जाएगी।


अधिकारियों का कहना है कि अब की तुलना में लंबा रास्ता अपनाने के कारण एयरलाइन में ज्यादा फ्यूल रखना होगा। इससे विमानों के लिए पेलोड की समस्याएं बढ़ जाएंगी और उन्हें विमान का कुल वजन कम करना होगा। उदाहरण के लिए, विमान में यात्रियों और उनकी संख्या कम करके पेलोड कम किया जाएगा। किसी विमान में यात्रियों की कम संख्या का सीधा असर कंपनियों के रेवन्यू पर बढ़ेगा, जिससे उनके सामने वित्तीय चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।


अधिकारियों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए विमानों में ज्यादा यात्री नहीं ले जाए सकेंगे, इसलिए हवाई यात्रा महंगी होने की संभावना है।

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