पाकिस्तान ने हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। इसकी वजह बताई गई है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के वक्त ट्रम्प ने 'राजनयिक पहल और मजबूत नेतृत्व' दिखाया था, जिससे दोनों देशों के बीच कई दिनों की गोलीबारी के बाद आखिरकार सीजफायर हो पाया। यह मामला उस वक्त का है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद हालात और ज्यादा बिगड़ गए थे।
पाकिस्तान सरकार ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 2026 का नोबेल शांति पुरस्कार दिलाने की सिफारिश की है। सरकार का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में जो तनाव था, उसमें ट्रम्प ने अहम भूमिका निभाई और उनके कूटनीतिक दखल ने हालात को संभालने में मदद की। इसी वजह से पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का फैसला किया है।
यह भी पढ़ें: कनाडा में पढ़ने वाली भारतीय छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

ट्रम्प से मुनीर की मुलाकात
यह नामांकन उस वक्त किया गया जब बुधवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात की। यह एक खास मुलाकात थी, जो भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन चले तनाव के बाद हुई। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर ने ट्रम्प के साथ व्हाइट हाउस में दोपहर का खाना खाया। हालांकि, दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसका खुलासा नहीं हुआ है। मुनीर, जो अब 'फील्ड मार्शल' के पद पर हैं, पहले ही ट्रम्प के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की पैरवी कर चुके हैं। उन्होंने ट्रम्प को भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध टालने का क्रेडिट दिया था।
यह भी पढ़ें: अकेले पड़े ईरान के ख़ामेनई लगा रहे गुहार, आखिर क्या है मुस्लिम उम्माह?
पाकिस्तान के लिए उपलब्धि?
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि ट्रम्प, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से मिलने वाले हैं। इसकी वजह यह है कि मुनीर ने भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध रोकने की कोशिशों को लेकर ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही थी। वहीं, पाकिस्तानी अधिकारी इस मुलाकात को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मान रहे हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस की ओर से असीम मुनीर को मिला यह न्योता पाकिस्तान के लिए एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें: IDF ने 60 जेट्स से ईरान पर बरसाईं मिसाइलें, कई सैन्य ठिकाने तबाह
ट्रम्प को नहीं मिलेगा शांति पुरस्कार
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उन्होंने दुनिया में कई बड़े झगड़े सुलझाने की कोशिश की लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा और इस बात का उन्हें दुख है। शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर उन्होंने लिखा, 'मैं चाहे कुछ भी कर लूं, नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।'
ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच एक बड़ी शांति संधि करवाई है। उनके मुताबिक, यह इलाका काफी खतरनाक माना जाता है और वहां सालों से हिंसा और खून-खराबा चलता आ रहा था। इसके अलावा ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान, रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान जैसे बड़े विवादों में भी युद्ध टालने की कोशिशें की थीं लेकिन फिर भी उन्हें कभी शांति का पुरस्कार नहीं मिला।