प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिन के दौरे पर मालदीव पहुंचे। वहां उनका स्वागत रेड कारपेट बिछाकर और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। प्रधानमंत्री मोदी को रिसीव करने खुद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू एयरपोर्ट पहुंचे। मोहम्मद मुइज्जू वही राष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान 'इंडिया आउट' मुहिम चलाई थी।
मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद मोदी मालदीव जाने वाले पहले राष्ट्रध्यक्ष हैं। पीएम मोदी के इस दौरे पर भारत ने मालदीव को दिए जाने वाले कर्ज की सीमा को बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। साथ ही, दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू की जाएगी। मोदी शनिवार को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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मालदीव में मोदी की 6 बड़ी बातें
- भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है, मालदीव भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और महासागर विजन में अहम जगह रखता है।
- भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। आपदा हो या माहामारी, भारत हमेशा साथ खड़ा रहा है। हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले स्थान पर है।
- भारत के सहयोग से बनाए गए 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स अब मालदीव में कई परिवारों का नया आशियाना होंगे।
- जल्द ही फेरी सिस्टम की शुरुआत से अलग-अलग द्वीपों के बीच आवागमन और आसान होगा।
- मालदीव में रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग दोनों देशों के आपसी सहयोग और विश्वास की प्रतीक है।
- हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है।
मुइज्जू के मंत्रियों ने की थी गलतबयानी
मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने से पहले ही भारत और मालदीव के रिश्तों में तल्खी आने लगी थी। 2023 में मुइज्जु ने 'इंडिया आउट' नारे के साथ चुनाव जीता था। फिर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और भारतीयों से यहां घूमने आने की अपील की। इस पर मालदीव के कुछ मंत्री भड़क गए और उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों की। इसके चलते भारत में 'बायकॉट मालदीव' कैंपेन शुरू हुआ।
साधारण तौर पर मालदीव का राष्ट्रपति पहले दौरे पर भारत आता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुइज्जू पहले भारत आने की बजाय चीन चले गए। जनवरी 2024 में मुइज्जू ने चीन यात्रा के बाद कहा कि मालदीव एक छोटा देश हो सकता है लेकिन कोई इसे धमका नहीं सकता। उन्होंने मई 2024 तक भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की थी, जिसके बाद भारत ने सैनिकों को हटाकर उनकी जगह तकनीकी कर्मचारी भेजे।
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मोदी का मालदीव दौरा क्यों अहम?
भारत से रिश्ते बिगाड़ने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने डैमेज कंट्रोल किया। अक्टूबर 2024 में मुइज्जु भारत दौरे पर आए। इस दौरान भारत ने मालदीव के लिए 750 मिलियन डॉलर की करेंसी स्वैप डील की। इससे मालदीव को फॉरेन करेंसी की कमी से निपटने में मदद मिली। मालदीव एक छोटा देश है, जिस पर काफी कर्ज है। इसे अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए भारत की जरूरत है। इसलिए मुइज्जू को रिश्ते सुधारने पड़े।
वहीं, भारत के लिए भी मालदीव रणनीतिक रूप से काफी अहम है। ऐसे में मुइज्जू की भारत विरोधी कैंपेन के बावजूद मालदीव की मदद जारी रखी। मुइज्जू की कई नीतियों में चीन के प्रति झुकाव दिखता है । मोदी का ये दौरा भारत और मालदीव के बीच न सिर्फ क्षेत्रीय कूटनीति को बेहतर करेगा। इससे मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।