फ्रांस दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आधिकारिक अमेरिका दौरे के लिए रवाना हो गए। वह 12-13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा खास माना जा रहा है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने 20 जनवरी को ही अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है।
शपथ के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने केवल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से ही मुलाकात की है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी तीसरे राष्ट्राध्ययक्ष होंगे जो ट्रंप से मुलाकात करेंगे। हालांकि, अपने दूसरे टर्म में ट्रंप आक्रामक रवैया अपना रहे हैं।
उन्होंने कई देशों और वस्तुओं की श्रेणियों पर ट्रेड टैरिफ लगाया है। ट्रेड टैरिफ और इमिग्रेशन और निर्वासन को लेकर भारत की चिंताएं हैं। आखिरी ट्रेड टैरिफ और इमिग्रेशन और निर्वासन भारत के लिए चिंता का विषय क्यों है? आइए जानते हैं...
इमिग्रेशन और निर्वासन
अमेरिका ने पिछले दिनों 104 भारतीय अवैध अप्रवासियों को हथकड़ियों में बांधकर अपने सैन्य विमान से भारत भेज दिया था। इस घटना के बाद से भारत में समूचा विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गया और आरोप लगाया कि यह भारतियों का अपमान है।
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इसके अलावा अगले चरण में अमेरिका लगभग 800 लोगों को और निर्वासित करेगा। हालांकि, भारत ने अमेरिका से कहा है कि वह अपने नागरिकों को सम्मानपूर्व लाने के लिए तैयार है। साथ ही अमेरिका से अनुरोध किया है कि वह भारतियों के साथ दुर्व्यवहार ना करे।
दरअसल, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी हैं, जिनमें से ट्रंप प्रशासन 20,000 लोगों को डिपोर्ट करेगा। साल 2009 से अब तक लगभग 15,500 भारतीयों को डिपोर्ट किया जा चुका है।
इस घटनाक्रम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्रंप के साथ बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में भारत यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि पढ़ाई, काम या पर्यटन के लिए अमेरिका में भारतीयों की आवाजाही प्रभावित न हो।
व्यापार और शुल्क
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगा दिए हैं। उन्होंने BRICS देशों के उपर टैरिफ लगाने की चेतानवनी दी थी, लेकिन पीएम मोदी और ट्रंप के आपसी रिश्तों को देखते हुए भारत पर टैरिफ लगाने की संभावना कम लग रही है।
हालांकि, ट्रंप ने सोमवार को एल्यूमीनियम और स्टील के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा कर दी है। इससे भारतीय कंपनियों को दुनिया के सबसे बड़े अमेरिकी स्टील बाजार में नुकसान होने की वजह से घरेलू स्टील की कीमतों में गिरावट का डर है।
इसके साथ ही भारत में स्टील की डंपिंग को लेकर भी चिंताएं हैं।
भारत और अमेरिका के बीच 200 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है। इसमें ट्रंप को जो बात परेशान कर रही है वह 40-50 बिलियन डॉलर का सरप्लस है, जो भारत के पक्ष में है। हालांकि, पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकार के बाद कई मुद्दों पर आम सहमति बनने की उम्मीद है।