भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT University) में थर्ड ईयर की प्रकृति लामसाल की आत्महत्या से बवाल मचा हुआ है। नेपाल की संसद में मंगलवार को सांसदों ने प्रदर्शन किया और अपना गुस्सा जाहिर किया। विपक्षी दलों के सांसदों ने नेपाल सरकार से कहा कि वह इस मामले को भारत के सामने उठाए।
विपक्षी सांसदों ने KIIT के कुछ कर्मचारियों द्वारा नेपाल को लेकर की गई नस्लवादी टिप्पणीयों की भी निंदा की। बता दें कि सोमवार को आंदोलनकारी छात्रों पर हमला करने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें तीन वरिष्ठ केआईआईटी कर्मचारी और दो सुरक्षा गार्ड शामिल है।
'अपमानजनक और अस्वीकार्य', नेपाल के संसद में मचा हंगामा
प्रकृति लामसाल आतम्हत्या मामले में नेपाल के प्रतिनिधि सभा में बैठक हुई। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि KIIT विश्वविद्यालय अधिकारियों की प्रतिक्रिया नेपाली छात्रों के खिलाफ बेहद अपमानजनक था। माओवादी सेंटर के सदस्य माधव सपकोटा ने कहा कि नेपाली छात्रों के साथ किया गया व्यवहार नेपाल के लिए 'अपमानजनक और अस्वीकार्य' है और के पी शर्मा ओली सरकार को भारत को यह स्पष्ट कर देना चाहिए। वहीं, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सदस्य धुर्बा बहादुर प्रधान ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को भारत में उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए और 'गहन जांच कर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।'
ओडिशा सरकार ने जांच समिति का किया गठन
बता दें कि मंगलवार (18 फरवरी) को ओडिशा सरकार ने आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह, सत्यब्रत साहू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। यह समिति विश्वविद्यालय अधिकारियों की मनमानी, नेपाल के छात्रों को निष्कासन नोटिस जारी करने के कारणों और घटना के अन्य पहलुओं की भी जांच करेगी। बता दें कि प्रकृति ने रविवार को केआईआईटी परिसर में अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली, जिसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिनमें से कई नेपाल से थे।
यह भी पढ़ें: KIIT सुसाइड केस के बारे में सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
500 छात्रों को बाहर निकाला गया, पीएम ओली ने किया हस्तक्षेप
बता दें कि यूनिवर्सिटी ने नेपाल के 500 से अधिक छात्रों को परिसर से बाहर निकाल दिया था लेकिन सोमवार को नेपाल दूतावास और प्रधानमंत्री ओली के हस्तक्षेप के बाद छात्रों को वापस लिया गया। मामले को संज्ञान में लेने के बाद मंगलवार को इन्फोसिटी पुलिस ने सुरक्षा गार्ड रमाकांत नायक और जोगेंद्र बेहरा और केआईआईटी के कर्मचारी सिबानंद मिश्रा, प्रताप कुमार चंपती और सुधीर कुमार रथ को गिरफ्तार किया। सभी पांचों पर बीएनएस धारा 115 (2) (किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाना), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 296 (अश्लील कृत्य) और 3 (5) (सामान्य इरादा) के तहत आरोप लगाए गए।
यह भी पढ़ें: ओडिशा में नेपाली छात्रा की मौत से बवाल, PM ओली ने भेजे अपने अधिकारी
प्रकृति के पिता ने क्या कहा?
इसके अलावा विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध कार्यालय (IRO) के एक प्रशासनिक अधिकारी को भी निलंबित कर दिया, जहां प्रकृति ने लखनऊ के अद्विक श्रीवास्तव पर 'दुर्व्यवहार' के बारे में शिकायत की थी। श्रीवास्तव को रविवार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मतृका छात्रा के पिता सुनील लामसाल ने कहा, 'हमने अपनी बेटी को उच्च शिक्षा के लिए भेजा था लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना यहां हुई। हमें राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है कि वे हमारी बेटी को न्याय दिलाएंगे।'