दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं वाले देशों के नेता कनाडा के रॉकीज में G-7 की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें हिस्सा लेने के लिए अपनी साइप्रस यात्रा के बाद G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा रवाना हो गए हैं। रॉकीज में G-7 की बैठक वाली जगह को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है। इस बीच एक नागरिक विमान नो-फ्लाई जोन का उल्लंघन करते हुए G7 शिखर सम्मेलन स्थल के ऊपर से उड़ता हुआ देखा गया।
सुरक्षा की दृष्टि से विमान को रोकने के लिए उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड को CF-18 हॉर्नेट फाइटर जेट को तैनात कर दिया। हालांकि, बाद में नागरिक विमान को सुरक्षित लैंड करवाया गया। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पायलट को सचेत करने के लिए कई कदम उठाए गए। वहीं, अधिकारी पायलट के सचेत नहीं होने पर उसे अंतिम चेतावनी देने के बारे में विचार करने लगे थे।
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पायलट ने विमान को सुरक्षित लैंड किया
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, पायलट ने विमान को सुरक्षित रूप से लैंड किया। यह सम्मेलन इजराइल-ईरान के बीच जारी सैन्य संघर्ष और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सहयोगियों और प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ लगाए जा रहे उच्च टैरिफ से उपजे तनाव के बीच हो रहा है।
16-17 जून तक G-7
बता दें कि 16-17 जून तक कनाडा के कनानास्किस में 51वां G-7 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। कनाडा ने सातवीं बार G7 की अध्यक्षता कर रहा है। वहीं, G-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी लगातार छठी बार शामिल हो रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री G-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम-संबंधी मुद्दों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।'
G-7 शिखर सम्मेलन भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रहा है, जिसमें ईरान और इजराइल के एक-दूसरे पर हमले करने के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते शुरू हुआ ट्रेड वॉर भी शामिल है। G-7 दुनिया की 7 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। इसमें फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
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वहीं, दुनिया की टॉप शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ सालों से लगातार G-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है।
G-7 सम्मेलन में भारत
G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी को मार्क कार्नी ने निमंत्रित किया है, यह कनाडा का भारत के साथ संबंधों को सुधारने के संकेत दे रहा है। दरअसल, भारत-कनाडा के रिश्ते खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद खराब हो गए थे। पिछले साल अक्टूबर में भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच राजनयिकों को वापस बुला लिया था। भारत ने कनाडा के भी इतने ही राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया था।
भारत ने पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थक तत्वों को काम करने का आरोप लगाया था। अर्थशास्त्री कार्नी ने ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद कनाडा के नए प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला है। पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क दोबारा शुरू किया है और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।