अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुई QUAD के विदेश मंत्रियों की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई है। QUAD के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों और उनके आकाओं को सजा मिलनी चाहिए। QUAD में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने गोलीबारी कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च कर पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।
अब वॉशिंगटन में हुई QUAD के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा हक है। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग मौजूद थे। इस बैठक में जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए। पीड़ितों और आतंकियों को कभी भी बराबर नहीं माना जाना चाहिए। भारत को अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और हम इस अधिकार का प्रयोग करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे QUAD पार्टनर इसे समझेंगे।'
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मार्को रुबियो से जयशंकर ने की मुलाकात
QUAD मीटिंग से इतर जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बैठक की। जयशंकर ने X पर पोस्ट कर बताया, 'अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलकर खुशी हुई।'
उन्होंने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ ट्रेड, सिक्योरिटी, टेक्नोलॉजी, कनेक्टिविटी, एनर्जी और मोबिलिटी पर चर्चा हुई। जयशंकर ने बताया कि इस दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
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पहलगाम अटैक पर क्या बोले जयशंकर?
जयशंकर 30 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान मंगलवार को उन्होंने न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में पहलगाम अटैक को 'इकोनॉमिक वॉर' बताया। उन्होंने कहा, 'इस हमले का मकसद कश्मीर में टूरिज्म को तबाह करना था। इसका मकसद धार्मिक हिंसा को भड़काना भी था, क्योंकि लोगों को मारने से पहले उनका धर्म पूछा गया था।'
पहलगाम अटैक के बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि 'हमने सोचा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जा सकता।' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने किसी से छिपे नहीं हैं। घनी आबादी वाले शहरों में यह ठिकाने बने हैं।'
जयशंकर ने आतंकवाद के अलावा और किसी मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत फिर से हमला करेगा।
उन्होंने साफ किया कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल से भी नहीं डरेगा। उन्होंने कहा, 'हम बहुत समय से सुनते आ रहे हैं कि आप दोनों न्यूक्लियर पावर हैं, इसलिए वहां से लोग आएंगे और आतंक फैलाएंगे लेकिन आपको कुछ नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दुनिया चिंतित हो जाती है। अब हम इस पर भरोसा नहीं करते।' उन्होंने कहा, 'दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। ऐसी किसी भी परिस्थिति या बहाने को जायज नहीं ठहराया जा सकता, जो आतंकवादी कृत्यों की इजाजत दे।'