9 नवंबर की सुबह-सुबह आत्मघाती विस्फोट से पाकिस्तान का क्वेटा रेलवे स्टेशन दहल उठा। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और 62 अन्य घायल हुए हैं। पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स डॉन के मुताबिक, प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह विस्फोट ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से ठीक पहले हुआ। चूंकि स्टेशन पर आमतौर पर भीड़ रहती है, इसलिए संभावना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
मिलिटेंट इन्फैंट्री स्कूल के सैनिकों को बनाया निशाना
BLA के प्रवक्ता ने बताया कि मजीद ब्रिगेड यूनिट ने मिलिटेंट इन्फैंट्री स्कूल के सैनिक को निशाना बनाकर यह आत्मघाती हमला किया था। यह सैनिक अपना कोर्स पूरा कर जाफर एक्सप्रेस से पेशावर जाने वाले थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बलूचिस्तान के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मोअज्जम जाह अंसारी ने बताया कि मरने वालों में सेना के 14 जवान और 12 आम नागरिक शामिल हैं। बेग ने कहा कि सुरक्षा बलों के 46 सदस्य और 14 नागरिक घायल हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच में यह एक सुसाइड ब्लास्ट लग रहा है।
क्या है प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी?
बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन 1970 के दशक में हुआ था। पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन इसे आतंकी संगठन मानती हैं। दरअसल, बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है। यह दशकों से दक्षिण एशियाई राष्ट्र की सरकार से लड़ रहे हैं। बलूचिस्तान के नागरिक पाकिस्तान का हिस्सा बनकर नहीं रहना चाहते है। बलूच लोगों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान उन्हें दोयम दर्जे का मानता है। यहीं कारण है कि BLA पाकिस्तान में लगातार आतंकी हमले करता रहता है। 1973 में भारत, इराक और अफगानिस्तान पर बलूच आर्मी को समर्थन देने का भी आरोप लगा था। बता दें कि पाकिस्तान में BLA ने कई हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें डेरा इस्माइल खान हादसा, क्वेटा हादसा समेत ग्वादर हादसा शामिल है।
26 अगस्त को उड़ा दिया था रेलवे पुल
BLA ने 26 अगस्त को एक रेलवे पुल को ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इसकी वजह से क्वेटा और पेशावर के बीच रेल सेवा बंद हो गई थी। हादसे के डेढ़ महीने बाद 11 अक्टूबर को दोबारा से ट्रेन सेवा शुरू हुई थी। आज यानी 9 नवंबर को पेशावर जाने वाली ट्रेन के आने से पहले ही ब्लास्ट हो गया।
कौन कर रहा इस संगठन का नेतृत्व?
बीएलए का नेतृत्व वर्तमान में बशीर जेब बलोच कर रहा है, जो संगठन का कमांडर-इन-चीफ है। बता दें कि बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन की कई रिपोर्टें सामने आई हैं, जिनमें कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना द्वारा न्यायेतर हत्याएं और जबरन गायब किए जाने की घटनाएं शामिल हैं। मानवाधिकार संगठनों ने जवाबदेही की मांग की है, जबकि पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता रहा है।
100 से अधिक लोग थे स्टेशन पर मौजूद
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, जाफर एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म पर 100 से अधिक लोग मौजूद थे। माना जा रहा है कि धमाका बुकिंग ऑफिस के पास हुआ था।