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'हमारे पास 30-45 सेकंड थे', भारत के ब्रह्मोस हमले पर PAK का खुलासा

शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने खुलासा किया है कि भारत ने जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ब्रह्मोस मिसाइल दागी थीं, तो इसके बाद पाकिस्तान के पास ये तय करने के लिए सिर्फ 30-45 सेकंड का समय था कि यह मिसाइल परमाणु हथियार से लैस है या नहीं।

BrahMos cruise missile

ब्रह्मोस मिसाइल। Photo Credit- PTI

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान और वहां बसे आतंकवादियों को सबक सिखाया था। इस संघर्ष के लगभग दो महीने बाद पाकिस्तान ने खुद स्वीकार कर लिया है कि भारत ने इस्लामाबाद पर ब्रह्मोस मिसाइल दागी थीं। पाकिस्तान का यह स्वीकार करना कि भारतीय वायु सेना ने उसके ऊपर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया था इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने इन खबरों से इनकार किया था कि उसको युद्ध में कोई नुकसान नहीं हुआ है, जबकि हमले में उसके कई एयरबेसों को उड़ा दिया गया था।

 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार और सीनियर नेता राणा सनाउल्लाह ने खुलासा किया है कि भारत ने जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ब्रह्मोस मिसाइल दागी थीं, तो इसके बाद पाकिस्तान की सेना के पास ये तय करने के लिए सिर्फ 30 से 45 सेकंड का समय था कि यह मिसाइल परमाणु हथियार से लैस है या नहीं।

 

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संघर्ष के दौरान परमाणु युद्ध का जोखिम था

राणा सनाउल्लाह ने यह भी बताया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान परमाणु युद्ध का जोखिम बहुत अधिक था। सनाउल्लाह ने एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से कहा, 'जब भारत ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस दागा, तो पाकिस्तान की सेना के पास यह तय करने के लिए केवल 30-45 सेकंड का समय था कि आने वाली मिसाइल में परमाणु हथियार हो सकता है या नहीं। केवल 30 सेकंड में इस पर कुछ भी फैसला लेना एक खतरनाक स्थिति थी।'

 

 

इंटरव्यू में राणा सनाउल्लाह ने साफ कर दिया कि भारत ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल दागी थी। जब भारत ने पाकिस्तान के ऊपर मिसाइलें दागीं थी तो उसके एयर डिफेंस सिस्टम में अलर्ट की स्थिति पैदा हो गई थी, इसने पाकिस्तान के रक्षा तंत्र को हिलाकर रख दिया था

परमाणु युद्ध को जन्म दे सकता था संघर्ष

नूर खान रावलपिंडी के चकलाला में पाकिस्तान वायु सेना का एक प्रमुख एयरबेस है। राणा सनाउल्लाह ने कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्होंने परमाणु हथियार का इस्तेमाल न करके अच्छा किया, लेकिन साथ ही इस तरफ के लोगों ने इसे गलत समझा होगा, जिसकी वजह से पहला परमाणु हथियार लॉन्च हुआ जो वैश्विक परमाणु युद्ध को जन्म दे सकता था।'

 

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ट्रंप ने युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई

राणा सनाउल्लाह ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई। सनाउल्लाह ने कहा कि अगर ट्रंप ने परमाणु युद्ध टालने में कोई भूमिका निभाई है और दुनिया को विनाश से बचाया है, तो उस भूमिका को निष्पक्ष रूप से आंकना चाहिए और सराहना करनी चाहिए।  इसी कारण पीएम शहबाज शरीफ ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है।

 

हालांकि, भारत ने आधिकारिक तौर पर डोनाल्ड ट्रंप की सीजफायर में किसी भी तरह की भूमिका को खारिज कर दिया है।

भारत ने किए थे कई एयरबेस तबाह

बता दें कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया था। इसमें भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस के रनवे, हैंगर और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा। बाद में भारत से हमले की जब सैटेलाइट इमेज जारी कीं तो इसमें साफ तौर से देखा गया कि सरगोधा, नूर खान (चकलाला), भोलारी, जैकोबाबाद, सुक्कुर और रहीम यार खान एयरबेस में भारी नुकसान हुआ था।

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