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चीन, पाकिस्तान, US, सबको एक साथ संदेश, SCO समिट में PM ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में संप्रभुता को लेकर साफ संदेश दिया है। उन्होंने साम्राज्यवादी ताकतों को संदेश दिया है, आतंकवाद को लेकर संदेश दिया है कि यह सबसे बड़ी चुनौती है। पढ़ें पीएम के भाषण की अहम बातें।

Narendra Modi

SCO समिट 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PMO)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन पर कहा है कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है। कोई देश, कोई समाज अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता, इसलिए आतंकवाद से लड़ाई में भारत ने एकजुटता पर बल दिया है। इसमें SCO ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'पिछले 24 वर्षों में शंघाई सहयोग संगठन ने एशिया क्षेत्र में सहयोग और आपसी जुड़ाव को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है। SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है, S से सिक्योरिटी, C से कनेक्टिविटी और O से अपॉर्च्युनिटी।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:- पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती था। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।

व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग। (Photo Credit: PTI)


आतंकवाद पर पीएम मोदी का संदेश क्या है? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस वर्ष भारत ने जॉइंट इन्फॉर्मेशन ऑपरेशंस को लीड करते हुए आतंकी संगठनों से लड़ने की पहल की है। टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। इस पर मेरे समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। भारत पिछले 4 दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है। इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।'

पीएम मोदी ने आतंकवाद से लड़ने पर जोर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं। आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद केवल किसी किसी देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। कोई देश, कोई समाज, कोई नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं समझ सकता। इसलिए, भारत ने आतंकवाद से लड़ाई में एकता पर ज़ोर दिया है। भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की। हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाई। इसमें मिले समर्थन के लिए मैं आभार जताता हूं।'

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