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9 महीने से प्रदर्शन, एक मांग 'चुनाव'; यूरोप के सर्बिया की पूरी कहानी

यूरोपीय देश सर्बिया की जनता अपनी ही सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन कर रही है। यह प्रदर्शन पिछले 9 महीनों (नवंबर 2024) से चल रहे हैं।

serbia protests

सर्बिया में प्रदर्शन। Photo Credit- Social Media

यूरोपीय देश सर्बिया की जनता अपनी ही सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन कर रही है। यह प्रदर्शन पिछले 9 महीनों (नवंबर 2024) से चल रहे हैं, जिसके आने वाले समय में जल्दी खत्म होने के कम आसार हैं। देश में प्रदर्शन कम होने की बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शनकारी सरकार के विरोध के लिए नेतृत्व, संरचना और रणनीति में बदलाव कर रहे हैं। दरअसल, सर्बिया की जनता राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के खिलाफ है। जनता ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

 

पिछले हफ्ते सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड के स्लाविया स्क्वायर में 140,000 लोगों ने एक जगह जमा होकर विरोध-प्रदर्शन किया, जिसके बाद सरकार के खिलाफ विरोध चरम पर पहुंच गया। इस बीच प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले छात्रों ने घोषणा की है कि वे अब रैलियों का नेतृत्व नहीं करेंगे। छात्रों ने देश की सरकार को फिर से चुनाव कराने के लिए 28 जून तक की समयसीमा दी थी। 

सविनय अवज्ञा चलाने का आग्रह

जब यह समयसीमा पूरी नहीं हुई, तो छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन की बागडोर संभालने के लिए कई समूहों को आमंत्रिण दे दिया। साथ ही राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक और उनकी लंबे समय से सरकार चली रही प्रगतिशील पार्टी (SNS) के नेतृत्व का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति से 'सविनय अवज्ञा' (civil disobedience) अभियान चलाने का आह्वान किया।

 

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छात्रों ने दिया सरकार का अल्टीमेटम

सरकार की तरफ से चुनाव की तारीखें तय करने और देश में फिर से चुनाव करने की घोषणा करने की समयसीमा खत्म होने के बाद राजधानी बेलग्रेड और देश के अन्य बड़े शहरों में प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। 28 जून के बाद से अबतक प्रदर्शनकारियों ने सर्बिया के शहरों में सड़कों को बंद कर दिया है। लोगों ने बेलग्रेड, नोवी सैड और निस सहित प्रमुख शहरों को अवरुद्ध करने के लिए कूड़ेदान, कुर्सियां और अन्य तरीकों से का इस्तेमाल किया है। इन शहरों में रहने वाले स्थानीय लोग भी इन प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। 

 

 

इन सबके बीच पुलिस और जनता एक दूसरे के सामने हैं। जैसे ही पुलिस एक नाकाबंदी हटाती है, जनता दूसरी जगह दूसरी नाकाबंदी शुरू कर देती है।

पुलिस की कार्रवाई का विरोध शुरू

हाल के दिनों में पुलिस ने बड़े पैमाने पर बल प्रयोग करते हुए दर्जनों प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियां की हैं। 2 जुलाई को बेलग्रेड विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी में पुलिस कार्रवाई करते हुए घुस गई थी। पुलिस ने यहां छात्रों के साथ मारपीट की। इसमें घायल कई छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं एक छात्र की कॉलरबोन टूट गई।

 

 

पुलिस ने कई हाई स्कूल के छात्रों को भी गिरफ्तार किया है। इससे नाराज छात्रों के मां-बाप ने बेलग्रेड के सेंट्रल पुलिस स्टेशन के सामने तब तक विरोध प्रदर्शन किया जब तक कि उनके बच्चों को रिहा नहीं कर दिया गया।

 

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पुलिस की कार्रवाइयों की प्रदर्शनकारियों से लेकर आम नागरिक कड़ी आलोचना कर रहे हैं। यही नहीं इन कार्रवाइयों को लेकर सर्बिया के पत्रकारों के संघ और विपक्षी पार्टियों, बार एसोसिएशन और यहां तक ​​कि सर्बियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च के आर्कबिशप ग्रिगोरी ड्यूरिक ने भी बयान जारी किए हैं। वहीं, यूरोपीय संघ ने भी अपनी ओर से पुलिस की कार्रवाई को घृणित और हिंसा से भरा हुआ बताया है। यूरोपीय संघ ने सर्बिया में शांति की अपील की है।

कब और कैसे शुरू हुआ प्रदर्शन?

सर्बिया में सरकार विरोधी आंदोलन के पीछे एक छोटी सी घटना है। दरअसल, नोवी सैड रेलवे स्टेशन पर पिछले नवंबर एक दुर्घटना घटी, जिसमें 15 लोगों की जान चली गई। इसके बाद सर्बिया के एक दूसरे शहर में दोबारा से बनाई जा रही इमारत की छत भर-भराकर गिर गई, जिसके नीचे दबने से 16 लोगों की मौत हो गई। देश की जनता ने इन दुर्घटनाओं के लिए सरकार की जवाबदेही चाही लेकिन सरकार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। 

 

सरकार ने नहीं दिया संतोषजनक जवाब 

इन घटनाओं और सरकार से संतोषजनक जवाब ना मिलने से सर्बिया में आक्रोश तेजी से फैल गया। जनता ने इसके लिए राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक को जिम्मेदार ठहराना शुरू किया। सर्बियाई लोगों का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से वुसिक के नेतृत्व करने के तरीकों से नाराज चल रहा है। देश के लागों का मानना है कि वुसिक का सर्बिया के सरकारी संस्थानों और मीडिया के एक बड़े हिस्से पर मजबूत पकड़ है। हालांकि, एक दूसरा धड़ा मानता है कि राषअट्रपति वुसिक ने देश में आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार किया है।  

'भ्रष्टाचार जानलेवा है'

मगर, नोवी सैड रेलवे स्टेशन की दुर्घटना ने लोगों के सब्र के बांध को तोड़ दिया। इस दुर्घटना के बाद लोग सड़कों पर उतर पाए और राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के खिलाफ नारे लगाने लगे- 'आपके हाथों पर खून' और 'भ्रष्टाचार जानलेवा है'।

 

पिछले साल नवंबर से ही बेलग्रेड विश्वविद्यालय के छात्रों ने सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर आंदोलन शुरू किया और इसका नेतृत्व करने लगे। छात्रों ने रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट के बारे में पूरी पारदर्शिता और आपदा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ केस चलाने की मांग की।

 

महीनों तक चले विरोध-प्रदर्शनों के बाद आखिरकार सर्बिया के प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक ने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन, मिलोस वुसेविक जगह उनके करीबी जुरो मैकट को सर्बिया का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया। इस घटना के बाद छात्रों ने विरोध को आंदोलन में बदल दिया।

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