ऐक्सियम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती पर वापस लौट आए हैं। इस मौके पर उनके परिवार के लोगों ने खुशियां मनाईं। वह 18 दिनों तक स्पेस में रहने के बाद वापस लौटे हैं। भारतीय वायु सेना के कमांडर शुभांशु शुक्ला के साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी गए थे वे सभी लोग इनके साथ वापस आए हैं। शुक्ला और उनके तीन साथी - कमांडर पेगी व्हिटसन, ESA के अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज़्नान्स्की-विस्निव्स्की, और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु - ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान में सवार थे। यह यान सोमवार को शाम 4:45 बजे (भारतीय समय) ISS से अलग हुआ और मंगलवार को दोपहर 3:00 बजे कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर में उतर गया।
महासागर में यान के उतरने के बाद, शुक्ला और उनके साथियों को जहाज या हवाई जहाज से नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन ले जाया जाएगा। वहां उनकी मेडिकल जांच होगी। जांच पूरी होने के बाद, वे अपने देश लौट सकेंगे। ISRO ने बताया कि एक़्सियम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को 7 दिन की रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। शुक्ला की शारीरिक और मानसिक जांच के दौरान उनकी फिटनेस, संतुलन, रिफ्लेक्स, हृदय की कार्यक्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता का परीक्षण होगा। ये जांच नासा की ह्यूमन हेल्थ एंड परफॉर्मेंस टीम करेगी।
यह भी पढ़ेंः स्पेस स्टेशन से क्या लेकर लौट रहे शुभांशु शुक्ला? सब जान लीजिए
ढलने में लगेगा वक्त
18 दिन तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर को पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण में फिर से ढलने में समय लगता है। अंतरिक्ष यात्रा से हड्डियों और मांसपेशियों में अस्थायी कमजोरी आती है। शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन भी बिगड़ता है, जिससे रक्त संचार और अंगों के काम पर असर पड़ता है।
नासा के विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरिक्ष में शुरुआती दिनों में अंतरिक्ष यात्रियों को ‘मोटा चेहरा,’ ‘पतली टांगें,’ नज़र में बदलाव और यहां तक कि लंबाई में मामूली वृद्धि जैसे लक्षण दिखते हैं।
वहीं इस मौके पर सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए पीएम मोदी ने भी शुभांशु शुक्ला को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन - गगनयान - की दिशा में एक और मील का पत्थर है।'
यह भी पढ़ें-- ISS पर शुभांशु शुक्ला ने की खेती, खास स्टडी का है हिस्सा
एक्सियम मिशन-4 का उद्देश्य दुनिया भर के 31 देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए 60 वैज्ञानिक प्रयोग और एक्टिविटीज करना था। इस शोध से प्राप्त डेटा उन महत्वपूर्ण चीज़ों में से एक होगा जो आज अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर वापस लाएंगे।