भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर अपनी वापसी की यात्रा शुरू कर दी है। AXIOM-4 मिशन के तहत वह अपने साथियों के साथ 14 जुलाई को भारतीय समय के अनुसार, शाम 4 बजकर 35 मिनट पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (IIS) से धरती के लिए रवाना हो गए। मंगलवार को दोपहर 3 बजे के करीब वह धरती पर वापसी कर सकते हैं। वह 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
AXIOM-4 मिशन के तहत शुभांशु आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (IIS) से धरती पर वापस लौट आएंगे। उनके धरती पर लौटने से पहले नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने बताया कि वह अपने साथ क्या लेकर आ रहे हैं। वह अंतरिक्ष से ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में जरूरी डेटा और कार्गो अपने साथ धरती पर लेकर आ रहे हैं।
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क्या ला रहे हैं शुभांशु?
शुभांशु अपने साथ 580 पाउंड से ज्यादा सामान धरती पर लाएंगे। इसमें NASA का हार्डवेयर और पूरे मिशन के दौरान किए गए 60 से ज्यादा प्रयोगों का डेटा शामिल है। इस डेटा के साथ शुभांशु और उनके साथियों को लेकर स्पेसक्राफ्ट आज दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन होगा। हालांकि, मौसम के कारण इस समय में थोड़ा बदलाव हो सकता है।
शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन और अंतरिक्षयात्री इस मिशन का हिस्सा हैं। पोलैंड के स्लावोस्ज उज्नान्स्की, अमेरिका की पैगी व्हिटसन और हंगरी के टिबोर कापू भी शुभांशु शुक्ला के साथ गए हैं। शुभांशु शुक्ला पायलट हैं तो टिबोर कापू और स्लावोस्ज मिशन विशेषज्ञ हैं। पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमांडर हैं और वह पहले भी स्पेस मिशन पर जा चुकी हैं।
तेजी से धरती की ओर आ रहा स्पेसक्राफ्ट
स्पेस X ने आज सुबह एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि शुभांशु शुक्ला का ड्रैगन स्पेसक्राफट तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है।
पोस्ट में लिखा है, 'अभी इस स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की है और धरती के करीब आने के बाद इसकी स्पीड कम हो जाएगी। यह एक तेज सॉनिक बूम के साथ आ सकता है। यह वायुमंडल में बहुत तेज स्पीड से एंट्री करेगा और इसी वजह से स्पेसक्राफ्ट धमाके के साथ एंट्री ले सकता है।'
क्या है AXIOM-4 मिशन?
Axiom-4 एक व्यावसायिक अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में प्राइवेट रिसर्च और टेस्ट के जरिए नई संभावनाओं को खोजना है। इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न प्रयोग किए हैं। इस मिशन में की गई रिसर्च से भविष्य में चंद्रमा और मंगल मिशन के लिए जरूरी जानकारियां मिलेंगी।