सिंगापुर की एक अदालत ने भारतीय मूल के विपक्षी नेता प्रीतम सिंह पर भारी जुर्माना लगाया है। प्रीतम सिंह को संसद में जानबूझकर झूठ बोलने के मामले में दोषी ठहराया गया है। उन्हें दो अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिया गया है।
दोषी ठहराए गए प्रीतम सिंह वर्कर्स पार्टी के प्रमुख हैं। कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद प्रीतम सिंह के इस साल चुनाव लड़ने पर भी संकट खड़ा हो गया है। 87 सीटों वाली सिंगापुर संसद में वर्कर्स पार्टी के 9 सांसद हैं।
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला अपनी पार्टी की एक पूर्व महिला सांसद को बचाने के लिए प्रीतम सिंह की झूठी गवाही से जुड़ा है। दरअसल, अगस्त 2021 में वर्कर्स पार्टी की सांसद रईसा खान ने पुलिस पर यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं के साथ गलत बर्ताव करने का आरोप लगाया था। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि ये सच नहीं है। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उन्हें संसद में झूठ बोलने के मामले में दोषी ठहराया गया।
रईसा खान के मामले पर ही संसद की समिति भी सुनवाई कर रही थी। इसी समिति के सामने प्रीतम सिंह ने रईसा खान के पक्ष में गवाही दी थी। पिछले साल फरवरी में संसदीय समिति ने प्रीतम सिंह पर जानबूझकर झूठी गवाही देने के मामले में मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी।
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कोर्ट ने क्या कहा?
इस मामले पर सिंगापुर के डिस्ट्रिक्ट जज ल्यूक टैन ने सोमवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि कई सबूतों से पता चलता है कि प्रीतम सिंह कभी नहीं चाहते थे कि रईसा खान अपने झूठ पर सफाई दें। जज टैन ने कहा, 'प्रीतम सिंह जानते थे कि रईसा खान ने झूठ बोला। इसके बावजूद वो नहीं चाहते थे कि रईसा अपने झूठ पर सफाई दें।'
कितना जुर्माना लगाया?
संसदीय समिति के सामने जानबूझकर झूठ बोलने के मामले में कोर्ट ने प्रीतम सिंह को दो अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया है। उन पर दोनों मामलों में 7-7 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। कुल मिलाकर प्रीतम सिंह पर 14 हजार डॉलर (करीब 9 लाख रुपये) का जुर्माना लगा है।
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इस सजा का मतलब क्या?
सिंगापुर में इस साल के आखिरी में संसदीय चुनाव होने हैं। प्रीतम सिंह के वकीलों ने 4-4 हजार डॉलर का जुर्माना लगाने की अपील की थी। हालांकि, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। सिंगापुर के संविधान के मुताबिक, अगर किसी सांसद पर 10 हजार डॉलर का जुर्माना लगता है या एक साल से ज्यादा जेल की सजा होती है, तो तुरंत उसकी सांसदी चली जाती है। इसके साथ ही सांसद के अगले पांच साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी जाती है।
सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता हैं प्रीतम सिंह
भारतीय मूल के प्रीतम सिंह सिंगापुर की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी वर्कर्स पार्टी के नेता हैं। उनकी पार्टी ने 2020 के चुनाव में 10 सीटें जीती थीं। सिंगापुर के इतिहास में पहली बार किसी विपक्षी पार्टी ने इतनी ज्यादा सीटें जीते थीं। चुनाव के बाद प्रीतम सिंह को विपक्ष का नेता चुना गया था। रईसा खान के इस्तीफे के बाद वर्कर्स पार्टी की एक सीट खाली हो गई थी।