इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) इन दिनों काफी चर्चा में है। मशहूर स्पेस साइंटिस्ट सुनीता विलियम्स इसी स्पेस स्टेशन में पिछले 9 महीनों से हैं जबकि उनका मिशन काफी पहले ही खत्म हो चुका है। कई बार टलने के बाद आखिरकार अब उनका धरती पर लौटना तय हो गया है। एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने शुक्रवार को एक मिशन लॉन्च किया है जिसके जरिए सुनीता विलियम्स और उनके साथ स्पेस स्टेशन पर मौजूद बुच विल्मोर को वापस लाया गया जाएगा। इस मिशन में कुल 4 अंतरिक्ष यात्री जा रहे हैं जो सुनीता विलियम्स और बुच की जगह लेंगे। यहां यह जानना जरूरी है कि स्पेस स्टेशन पर हर समय वैज्ञानिक रहते हैं और वे रिसर्च का काम करते रहते हैं।
अमेरिका के फ्लोरिडा में स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से एक फाल्कन 9 रॉकेट 4 लोगों को लेकर उड़ा है। इस रॉकेट में क्रू ड्रैगन कैप्सूल लगाया गया है जिसमें इंसान बैठ सकते हैं। इसी में 4 लोगों की टीम बैठकर जा रही है। इस मिशन का नाम क्रू-10 है। बता दें कि सुनीता विलियम्स समेत कुल 4 लोग स्पेस स्टेशन में मौजूद हैं। उनकी जगह लेने के लिए अब NASA की एनी मैक्लेन और निकोल एयर्स, JAXA के ताकुया ओनिशी और Roscosmos के किरिल पेसकोव को भेजा गया है। यह स्पेसक्राफ्ट आज ही स्पेस स्टेशन पर पहुंच जाएगा।
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कब होगी वापसी?
स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद अब भेजे चारों अंतरिक्षयात्री अगले कुछ दिन वहां बिताएंगे ताकि वहां की परिस्थितियों में ढल सकें। साथ ही, वे क्रू-9 यानी सुनीता विलियम्स और उनकी टीम से मिशन से जानकारी लेंगे। यही वजह है कि सुनीता विलियम्स और उनके साथ 19 मार्च से पहले स्पेस स्टेशन से रवाना नहीं होंगे। यह मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और एलन मस्क की कंपनी SpaceX मिलकर कर रही है। इससे पहले 12 मार्च को भी मिशन लॉन्च करने की कोशिश की गई थी लेकिन रॉकेट सिस्टम में कोई तकनीकी खराबी आ जाने के चलते आखिरी समय में इस मिशऩ को टाल दिया गया था।
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31 मार्च को SpaceX ने दिक्कतों को दूर कर लिया और अब इस मिशन को लॉन्च किया गया है। मौजूदा समय में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के अलावा अमेरिकी नेवी के दो टेस्ट पायलट भी स्पेस स्टेशन में मौजूद हैं। ये सभी बोइंग के स्टारलाइन स्पेसक्राफ्ट की मदद से 5 जून 2024 को स्पेस स्टेशन पहुंचे थे। यह बोइंग की पहली टेस्ट फ्लाइट थी जो स्पेस स्टेशन तक इंसानों को लेकर गई थी। हालांकि, यह मिशन सिर्फ 8 दिन का ही होना था लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्या आ जाने के चलते वह स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन से धरती तक खाली ही लौट आया और चारों अंतरिक्षयात्री वहीं रह गए।
इसको लेकर अमेरिका में राजनीति भी हुई। मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार एलन मस्क ने आरोप लगाए कि जो बाइडेन ने जानबूझकर इन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पर ही छोड़ दिया।