सीरिया में एक बार फिर गृहयुद्ध के हालात पैदा हो गए हैं। दो दिन में ही एक हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। सीरिया में सत्ता गंवा चुके पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद और सुरक्षा बलों के बीच खूनी संघर्ष
सीरिया में एक बार फिर गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सत्ता गंवा चुके राष्ट्रपति बशर अल-असद और सुरक्षाबलों के बीच खूनी संघर्ष में दो दिन में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
ब्रिटेन स्थिति सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि दो दिन में 745 आम नागरिकों के अलावा सुरक्षाबलों के 125 जवान और 148 असद समर्थकों की मौत हो गई है। इस संघर्ष के बाद कई हिस्सों में बिजली और पानी की सप्लाई ठप पड़ गई है। मौजूदा संघर्ष को 14 साल की सबसे घातक घटनाओं में से एक माना जा रहा है।
सीरिया में 8 दिसंबर को राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता चली गई थी। उनके बाद विद्रोही गुट हयात तहरीर-अल-शाम (HTS) ने सत्ता संभाल ली थी। तख्तापलट के तीन महीने बाद सुरक्षाबलों और असद समर्थकों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है।
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सड़कों-छतों पर बिखरे पड़े शव!
सीरिया में मौजूदा संघर्ष तब शुरू हुआ, जब सरकार समर्थिक मुस्लिम बंदूकधारियों ने अलावी समुदाय के लोगों का कत्लेआम शुरू किया। इसका 'बदला' लेने के लिए अलावी समुदाय के लोग भी इनसे भिड़ गए। अलावियों को पूर्व राष्ट्रपति असद का समर्थक माना जाता है।
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित कस्बों में से एक बनियास में सड़कों पर लाशें बिखरी पड़ी हैं। बताया जा रहा है कि यहां लाशें न सिर् सड़कों बल्कि इमारतों की छतों पर भी पड़ी हैं। कोई भी इन्हें हटा नहीं रहा है।
बनियास के रहने वाले एक शख्स ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बंदूकधारी लोगों को घरों से निकालकर सड़क पर लाकर खड़ा कर रहे हैं और फिर गोली मार दे रहे हैं। शख्स ने बताया, 'उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा। किसी को नहीं बख्शा। जो कुछ हुआ, वह भयानक था। उसके बारे में बताया नहीं जा सकता।'
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महिलाओं को नेकेड कर मारी गोली!
बताया जा रहा है कि बंदूकधारियों ने महिलाओं को गोली मारने से पहले उनके कपड़े उतारे और परेड निकाली। एक शख्स ने Sky News को बताया, 'महिलाओं को घर से निकाला गया। उनके कपड़े उतरवाए गए। उन्हें निर्वस्त्र घुमाया गया। फिर उनके ही परिवार के एक लड़के को राइफल थमाकर उन्हें गोली मारने को मजबूर किया।'
स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि सरकार समर्थित बंदूकधारियों ने लोगों से रोककर उनका धर्म पूछा और फिर मार डाला।
अलावी समुदाय से जुड़े एक शख्स ने न्यूज एजेंसी AP को बताया, 'बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। लोगों के घरों और दरवाजों पर गोलियां बरसाईं। फिर घरों से निकालकर लोगों को मार डाला। उनके घर लूट लिए और फिर घरों में आग लगा दी।'
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बिजली, पानी काट दिया
असद सरकार में अलावी समुदाय के लोगों को बहुत फायदा मिलता था। उन्हें सरकार में बड़े पदों पर रखा जाता था। सेना में बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाती थीं। मगर तीन महीने पहले हुए तख्तापलट के बाद हालात बदल गए हैं। विद्रोही गुट के सत्ता में आने के बाद अलावियों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सीरिया के बनियास और लातकिया जैसे शहरों में अलावी बहुल इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई को काट दिया गया है।
सीरियाई संसद में अलावी समुदाय से जुड़े लेबानानी सांसद हैदर नासेर ने बताया कि लोग डरकर सीरिया छोड़कर लेबनान जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग हमीमिम में रूसी एयरबेस पर शरण लिए हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि असद सरकार के जाने के बाद अलावियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।