थाईलैंड और कंबोडिया ने अपनी सीमा पर कई दिनों से चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम पर सहमति जताई है। यह घोषणा सोमवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने की। यह समझौता मलेशिया की मध्यस्थता के बाद हुआ, जो इस क्षेत्र में एक दशक में सबसे घातक संघर्ष को खत्म करने की कोशिश कर रहा था।
पिछले हफ्ते दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारी तोपखाने और थाईलैंड की वायुसेना के हमलों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। दोनों देशों के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर तनाव तब और बढ़ गया, जब मई में एक छोटी झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी।
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मलेशिया में शांति वार्ता
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयाचाई ने मलेशिया के पुतराजया में अनवर इब्राहिम के आवास पर शांति वार्ता में हिस्सा लिया। इस बैठक में चीन और अमेरिका के राजदूत भी मौजूद थे। हुन मानेट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'इस बैठक का उद्देश्य तत्काल युद्धविराम हासिल करना था, जिसकी शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने की और दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने इस पर सहमति दी।'
ट्रम्प की भूमिका
26 जुलाई को डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि थाईलैंड और कंबोडिया युद्धविराम वार्ता के लिए तैयार हैं और दोनों देश अपने मतभेद सुलझाना चाहते हैं। ट्रम्प ने वीकेंड में दोनों देशों के नेताओं से बात की थी और कहा था कि अगर वे लड़ाई नहीं रोकते, तो वह उनके साथ व्यापारिक समझौते नहीं करेंगे।
क्या है तनाव की वजह?
पांच दिनों तक चले इस संघर्ष में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें थाईलैंड में 13 नागरिक और कंबोडिया में 8 लोग शामिल हैं। दोनों देशों की सीमा से 2 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। कंबोडिया ने थाईलैंड के नागरिकों पर हमला करने के आरोपों को खारिज किया है और उल्टा थाईलैंड पर निर्दोष लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप लगाया है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर कई जगहों का मालिकाना हक स्पष्ट नहीं है। खासकर, प्राचीन हिंदू मंदिर ता मोआन थोम और 11वीं सदी के प्रीह वीहार मंदिर को लेकर विवाद है। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने प्रीह वीहार को कंबोडिया को दिया था, लेकिन 2008 में जब कंबोडिया ने इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में दर्ज कराने की कोशिश की, तब तनाव बढ़ गया। इसके बाद कई झड़पों में कम से कम एक दर्जन लोगों की जान गई।
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जून में कंबोडिया ने इंटरनेशनल कोर्ट से इस विवाद को सुलझाने की मांग की थी, लेकिन थाईलैंड का कहना है कि वह इस कोर्ट के अधिकार को नहीं मानता और इसे द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाना चाहता है।
मलेशिया ने 24 जुलाई को शुरू हुए इस घातक संघर्ष के बाद युद्धविराम वार्ता की पेशकश की थी। चीन और अमेरिका ने भी इस वार्ता में मदद की पेशकश की थी। हालांकि, सोमवार को युद्धविराम की घोषणा के बावजूद, सीमा पर कुछ झड़पों की खबरें आईं। दोनों देश अब शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं ताकि और जान-माल का नुकसान न हो।