सांसदों का भत्ता बढ़ाया, पूरा देश जल उठा; इंडोनेशिया में बवाल की कहानी
दुनिया
• KOTA ADMINISTRASI JAKARTA BARAT 31 Aug 2025, (अपडेटेड 31 Aug 2025, 11:04 PM IST)
इंडोनेशिया में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच ठीक वैसी ही अराजकता देखने को मिली, जैसी कुछ समय पहले बांग्लादेश और श्रीलंका में दिखी थी। दोनों ही जगह सत्ता परिवर्तन हो चुका है, लेकिन इंडोनेशिया में राष्ट्रपति प्रोबोवो की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा बाकी है।

इंडोनेशिया में हिंसक प्रदर्शन। ( Photo Credit: Social Media)
इंडोनेशिया इन दिनों हिंसा की चपेट में है। इस हफ्ते राजधानी जकार्ता में सांसदों के भत्ते में खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई। देखते ही देखते हिंसक रूप धारण कर लिया। अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी हैं। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया है। हिंसा इतनी व्यापक है कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को अपनी चीन यात्रा अचानक रद्द करनी पड़ी। इंडोनेशिया के अधिकांश शहरों और राज्यों में अराजकता का माहौल है। आगजनी, लूटपाट और हिंसा की खबरें लगातार आ रही हैं। हिंसा के बीच जापान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने अपने नागरिकों से भीड़भाड़ और विरोध प्रदर्शनों से दूर रहने की अपील की है।
हिंसा की बैकग्राउंड कहानी क्या?
इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था पिछेल 10 साल से 5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है। पिछले साल अक्तूबर में प्रोबोवो ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया। फरवरी में उन्होंने बजट में बदलाव किया। इससे ठेका मजदूरों की नौकरियां खतरे में पड़ गई। इंडोनेशिया के श्रम मंत्रालय के मुताबिक 2025 की पहली छमाही में 42,000 से अधिक मजदूरों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस बीच सरकार ने वजीफा भी वापस ले लिया। इन फैसलों ने जनता में निराशा की लहर पैदा की।
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भत्ते ने आग में घी का काम किया
अर्थव्यवस्था और नौकरी के मुद्दे पर इंडोनेशियाई लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी थी। पिछले साल इंडोनेशिया की सरकार ने सांसदों के लिए 5 करोड़ रुपये के मासिक भत्ते का ऐलान किया तो पहले से ही नाराज जनता के बीच इस कदम ने आग में घी का काम किया। एक अनुमान के मुताबिक सांसदों का मिलने वाला भत्ता इंडोनेशिया के न्यूनतम वेतन का लगभग 10 गुना है। पिछले साल की तुलना में 68 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। जबकि जनता सरकार से न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रही थी। उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
The House of the Minister of Finance of Indonesia, Sri Mulyani, has been looted during the ongoing unrest.
— MedManOG (@MedManOG) August 30, 2025
However, there is no Iron Man suit, it seems to be just paintings, clothes, and possibly a golden urn? pic.twitter.com/xdE9NmHfjM
कहां से हुई विरोध प्रदर्शन की शुरुआत
इंडोनेशिया की जनता ने सांसदों के भत्ते के खिलाफ इसी हफ्ते विरोध प्रदर्शन शुरू किया। राजधानी जकार्ता के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच पुलिस की वाहन की चपेट में आने से एक 21 वर्षीय डिलीवरी बॉय अफ्फान कुर्नियावान की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया।
सांसदों के घर पर हमला, सामान लूटा
इस बीच, नासडेम पार्टी के सांसद नाफा उरबाक आवास पर भी तोड़फोड़ की गई। दरअसल, कुछ दिन पहले ही सांसद ने प्रदर्शनकारियों को वेबकूफ कहा था। कॉमेडियन से सांसद बने नेशनल मैंडेट पार्टी के एको पैट्रियो के घर पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। इलेक्ट्रिक कार को तोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने लक्जरी बैग और फिटनेस का सामान लूट लिया।
Indonesia unrest: 21-yo killed by police sparks massive protests in Central Jakarta.
— JRN Nihal (@JRNNihal) August 29, 2025
🔥 Fires erupt, 🚓 water cannons & smoke bombs deployed.
💸 Trigger: economic insecurity.#Indonesia #Jakarta #Protests pic.twitter.com/M6QJBN9cIK
एक साल में ही घिरे प्रोबोवो
इंडोनेशिया के इक्विटी बेंचमार्क में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को 1.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला प्राथमिक सूचकांक बन गया। खराब अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार और सांसदों के भत्ते में वृद्धि से लोगों में नाराजगी सरकार के प्रति बढ़ती थी। प्रोबोवो को सत्ता संभालने अभी एक साल भी नहीं हुए हैं। उससे पहले राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच उनकी सरकार संकट में घिर चुकी है। इंडोनेशियाई शेयर बाजार और रुपया में गिरावट जारी है। अब देखना है कि प्रोबोवो इस संकट से कैसे निपटते हैं।
काम नहीं आ रही राष्ट्रपति की अपील
हिंसा के बीच राष्ट्रपति प्रबोवो ने सांसदों के भत्ते वापस लेने का ऐलान किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सियासी दलों ने संसद सदस्यों के आवास भत्ते में कटौती पर समझौता किया है। मगर उनकी इस अपील का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। सबसे हिंसक विरोध प्रदर्शन रविवार को देखने को मिले। वित्त मंत्री समेत कई सांसदों के घरों पर लूटपाट की सूचना है। प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया। इसमें फंसे तीन लोगों की जान चली गई।
Protests erupt in Indonesia over privileges for parliament members and ‘corrupt elites’
— Chat News Hub (@chatnewshub) August 28, 2025
Indonesian Workers Protest in Jakarta Amid Tighter Security#IndonesiaGelap #indonesia #jakartanews #jakarta pic.twitter.com/nvikkfDcyr
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किस-किस इमारत में लगाई आग?
- शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने इंडोनेशिया के तीन प्रांतों में स्थित क्षेत्रीय प्रतिनिधि परिषद की इमारतों को आग के हवाले कर दिया। मातरम में वेस्ट नुसा तेंगारा क्षेत्रीय प्रतिनिधि परिषद के अलावा मध्य जावा के पेकालोंगन और वेस्ट जावा के साइरबन सिटी काउंसिल की इमारत आग में स्वाहा हो चुकी है। सिरेबोन डीपीआरडी भवन से लूटपाट की घटना भी हुई है। मकास्सर में तीन लोगों की मौत हुई और पांच लोग घायल हैं।
- मकास्सर में सिटी काउंसिल की इमारत में प्रदर्शनकारियों ने आग लगी। जलकर एक व्यक्ति की मौत हुई है। इमारत से कूदने पर दो लोग घायल भी हुए हैं। सैकड़ों की तादाद में छात्रों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर हंगामा किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े। वायरल वीडियो में दिख रहा है इमारत आग में धू-धूकर जल रही है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जश्न मना रहे हैं।
- राजधानी जकार्ता में शॉपिंग सेंटरों के बाहर पुलिस की बख्तरबंद गाड़ियां तैनात की गई हैं। बीएमडब्ल्यू ने अपने शोरूम से गाड़ियों को हटा लिया है। 1998 में भड़की हिस्सा में इसी शोरूम से कारों को लूट लिया गया था। टोयोटा ने भी अपने शोरूम से गाड़ियों को हटाया है।
- बाली और लोम्बोक द्वीप में भी विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। लोम्बोक में भीड़ ने प्रांतीय राजधानी मताराम में एक परिषद भवन पर धावा बोल दिया। उसे आगे के हवाले कर दिया। इस बीच टिकटॉक ने इंडोनेशिया में अपना लाइव फीचर कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया है।
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