अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने रविवार को यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) में 2 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का प्लान बनाया है। वहीं, अन्य कर्मचारियों को प्रशासनिक छुट्टी पर भेज दिया है। ट्रंप का यह कदम एक संघीय अदालत के फैसले के बाद आया है जिसमें प्रशासन को अमेरिका और विदेशों में हजारों USAID कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने की अनुमति दी थी।
दरअसल, USAID कर्मचारियों ने यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई में जज कार्ल निकोल्स ने सरकार की योजना पर अस्थायी रोक बढ़ाने की दलीलों को खारिज कर दिया था। इससे प्रशासन को हरी झंडी मिल गई और अब लगभग 2 हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में बनी हुई है।
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आधिकारिक नोटिस किया गया जारी
आधिकारिक नोटिस जारी कर कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि रविवार को रात 12 बजे तक सभी प्रत्यक्ष रूप से काम पर रखे गए कर्मियों को प्रशासनिक अवकाश पर रखा जाएगा। बता दें कि पहले ही वाशिंगटन में इसका मुख्यालय बंद हो चुका है और दुनिया भर में हजारों सहायता और विकास पहल बंद हो चुकी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके कॉस्ट कटिंग चीफ एलन मस्क ने बार-बार विदेशी सहायता कार्यक्रमों की आलोचना की है। उनका दावा है कि वे बेकार हैं और उदारवादी एजेंडे से जुड़े हैं।
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ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की तीखी आलोचना
नौकरी में कटौती और प्रशासनिक छुट्टी के अलावा, यूएसएआईडी के सैकड़ों ठेकेदारों को एक हफ्ते के भीतर गुमनाम टर्मिनेशन लेटर मिले है। वहीं, विदेशी सहायता पर रोक लगाए जाने पर न्यायाधीश ने प्रशासन को फटकार लगाई है। अदालत ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि प्रशासन को वैश्विक कार्यक्रमों के लिए कम से कम कुछ सहायता रकम बहाल करनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों और सांसदों ने तीखी आलोचना की है और चेतावनी दी है कि इससे वैश्विक मानवीय प्रयासों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।