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नेतन्याहू से शहबाज तक, कई ने किया नॉमिनेट; ट्रंप को नोबेल मिल जाएगा?

डोनाल्ड ट्रंप पहली बार 2017 में राष्ट्रपति बने। तब से उनके दिमाग पर शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने की सनक है। दूसरे कार्यकाल में उन्होंने इसके लिए एक अभियान ही छेड़ दिया।

Donald Trump, Netanyahu and Shahbaz Sharif.

डोनाल्ड ट्रंप, नेतन्याहू और शहबाज शरीफ। (AI Generated Image)

स्वयं को महान शांतिदूत बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ख्वाहिश नोबेल पुरस्कार जीतने की है। उनकी नजर इस पुरस्कार पर पिछले कार्यकाल से टिकी है। उन्हें इस बात की आशंका भी है कि वह शायद ही यह पुरस्कार जीत सकें। मगर एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। पाकिस्तान की सरकार और सेना प्रमुख असीम मुनीर के बाद अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया है। आज यह जानेंगे कि ट्रंप की नोबेल पुरस्कार जीतने की सनक कितनी पुरानी है। क्या किसी के नामांकन से नोबेल पुस्कार मिलता है। विजेताओं के चयन की प्रक्रिया क्या है और ट्रंप को किस बात की आशंका है। 

 

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने व्हाउट हाउस में रात्रिभोज किया। इसके बाद उन्होंने ट्रंप को एक नामांकन पत्र थमाया। इसमें नेतन्याहू ने कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप लगातार शांति स्थापित करने में जुटे हैं।' दूसरी तरफ ट्रंप ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर का न केवल श्रेय लेने में जुटे हैं, बल्कि इसे नोबेल पुरस्कार के तौर पर भुनाने में जुटे हैं। 

पिछले कार्यकाल में किस-किसने नामित किया?

2020 में इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने शांति समझौता करवाया था। इसके बाद नॉर्वे की प्रोग्रेस पार्टी के नेता टाइब्रिंग-गेजेडे ने डोनाल्ड ट्रंप का नाम 2021 के शांति नोबल पुरस्कार के तौर पर नामित किया था। टाइब्रिंग-गेजेडे ने और स्वीडिश राजनेता मैग्नस जैकबसन ने ट्रंप को पहली बार 2018 में नामित कर चुके हैं। उस वक्त ट्रंप को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शांति का श्रेय दिया गया था। 2018 में ही पेर-विली अमुंडसेन ने भी ट्रंप के नाम को आगे बढ़ाया था। इसके बावजूद ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। 

 

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2025 में कब-कब नामित हुए ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुस्कार 2025 के लिए कई बार नामित किया जा चुका है। 2024 में अमेरिकी प्रतिनिधि क्लाउडिया टेनी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की पार्टी के सांसद ओलेक्सांद्र मेरेज्को ट्रंप को नामित कर चुके हैं। जून महीने में पाकिस्तान की सरकार ने आधिकारिक तौर पर डोनाल्ड ट्रंप को नामित किया और भारत के साथ सीजफायर का श्रेय दिया। फरवरी महीने में तीन नोबेल पुरस्कार विजेता समेत इजरायल के चार वैज्ञानिकों ने डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखा और बंधकों की रिहाई के बदले नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही। न्यूयॉर्क की प्रतिनिधि एलिस स्टेफनिक भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की मांग उठा चुकी हैं। राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और आंतरिक सचिव डग बर्गम भी यही मांग कर चुके हैं। 2025 में ही 31 जनवरी से पहले एलन-बेक ने ट्रंप का नामांकन किया। मध्य पूर्व में शांति के खातिर ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की मांग की। केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ के प्रोफेसर अनात अलोन-बेक भी ट्रंप के पक्ष में पत्र लिख चुके हैं।

 

कैसे किया जाता है नामांकित?

नोबेल पुरस्कार के लिए एक योग्य नामांकनकर्ता की जरूरत होती है। यही वजह है कि ट्रंप को बार-बार उच्च पदों पर बैठे लोग नामांकित करते हैं। किसी शख्स को नामित राष्ट्राध्यक्ष तो कर सकते हैं, लेकिन सेना प्रमुख नहीं है। ऐसे में असीम मुनीर का ट्रंप को नामित करना सिर्फ एक मीडिया स्टंट है। उधर, ट्रंप के नामांकन की हर जानकारी मीडिया में लीक की जाती है, जबकि नियमों के मुताबिक नामांकनकर्ता और नामित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। इस पूरे घटनाक्रम को ट्रंप के सोशल मीडिया और मीडिया स्टंट के तौर पर देखा जा रहा है। 

50 साल बाद सार्वजनिक होती है नामांकन की जानकारी

नोबेल फाउंडेशन के कानून के मुताबिक नामांकित व्यक्ति की जानकारी 50 साल बाद ही सार्वजनिक की जाती है। कई बार नामांकनकर्ता ही नामित व्यक्ति की जानकारी सार्वजनिक कर देते हैं। यह प्रतिबंध नामांकित शख्सियत और नामांकन करने वाले दोनों पर लागू होता है। नियमों के मुताबिक नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इसके खातिर किसी आमंत्रण पत्र की जरूरत नहीं होती है।   

यह लोग कर सकते हैं नामांकन

नोबेल फाउंडेशन के नियमों के मुताबिक शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन की एक निश्चित प्रक्रिया है। व्यक्तिगत आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाता है। 

 

  • संप्रभु देशों के विधानसभा और सरकारों के मंत्री और राष्ट्राध्यक्ष।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के सदस्य।
  • एल इंस्टीट्यूट डी ड्रोइट इंटरनेशनल के सदस्य।
  • शांति और स्वतंत्रता के लिए महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय लीग के इंटरनेशल बोर्ड के सदस्य।
  • विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कानून, दर्शन, धर्मशास्त्र और धर्म के प्रोफेसर एमेरिटी और एसोसिएट प्रोफेसर।
  • विश्वविद्यालय के रेक्टर और विश्वविद्यालय निदेशक, शांति अनुसंधान संस्थानों और विदेश नीति संस्थानों के निदेशक।
  • कोई शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति।
  • नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले संगठनों के मुख्य निदेशक मंडल के सदस्य।
  • नॉर्वेजियन नोबेल समिति के वर्तमान और पूर्व सदस्य।
  • नॉर्वेजियन नोबेल समिति के पूर्व सलाहकार।

 

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कौन और कैसे चुना जाता है विजेता?

शांति के नोबेल पुरस्कार का चयन नॉर्वेजियन नोबेल समिति करती है। समिति में नॉर्वेजियन संसद के पांच सदस्यों को शामिल किया जाता है। खास बात यह है कि शांति का नोबल पुरस्कार नॉर्वे के ओस्लो में दिया जाता है। बाकी सभी नोबेल पुरस्कार स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जाते हैं। समिति अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के मुताबिक ही विजेता का चयन करती है। इसके तहत जिसने मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ पहुंचाया होता है, उसी के नाम पर समिति मुहर लगाती है।

कब से कब तक चलती है प्रक्रिया? 

  • नोबेल पुरस्कार के नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी होती है। अगर किसी ने इसके बाद नामांकन किया तो उसे अगले साल की सूची में शामिल किया जाता है।
  • फरवरी में नॉर्वेजियन नोबेल समिति को नाम भेजे जाते हैं। इसी महीने समिति नामों की छंटनी करके एक छोटी सूची बनाती है।
  • मार्च से अगस्त तक सलाहकार समीक्षा होती है। 
  • अक्टूबर महीने में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन बहुमत के आधार पर होता है।
  • 10 दिसंबर को हर साल विजेताओं को पुरस्कार से नवाजा जाता है। 

 

नामित होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति

  • विलियम हॉवर्ड टैफ्ट 
  • हर्बर्ट हूवर 
  • फ्रैंकलिन रूजवेल्ट 
  • डोनाल्ड ट्रंप

इन राष्ट्रपतियों को मिला नोबेल पुरस्कार

  • 1906 में थियोडोर रूजवेल्ट 
  • 1920 में वुडरो विल्सन 
  • 2002 में जिमी कार्टर 
  • 2009 में बराक ओबामा 

 

किस आधार पर नोबेल पुरस्कार मांग रहे ट्रंप?

  • कोसोवो-सर्बिया के बीच शांति कराने का दावा।
  • बहरीन और यूएई के साथ इजराइल का समझौता।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर।
  • इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर।
  • हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम।
  • उत्तर और दक्षिणा कोरिया के बीच तनाव को कम करने का दावा।
  • यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध खत्म करने की कोशिश।

 

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क्या जेलेंस्की ने बिगाड़ दिया माहौल

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप ने 24 घंटे के भीतर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करने का दावा किया था। मगर इसमें सफलता नहीं मिली। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर युद्ध खत्म होता तो ट्रंप के नोबेल पुरस्कार जीतने की संभावना अधिक बढ़ जाती है, लेकिन व्हाइट हाउस में जेलेंस्की के साथ हुई तीखी नोंकझोक ने उम्मीदों पर पानी जरूर फेर है। उधर, गाजा से फलस्तीनी लोगों को ट्रंप हटाना चाहते हैं। उनका तर्क है कि गाजा को विश्वस्तरीय पर्यटनस्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। अरब देशों समेत दुनियाभर के मुल्कों ने ट्रंप की आलोचना की। ट्रंप भी कई बार कह चुके हैं कि मैंने बहुत कुछ किया है, लेकिन मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। इसी साल ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'मैंने कई देशों के बीच वार्ता में मध्यस्थता करने में मदद की है। मैं चाहे कुछ भी करूं, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। 

नामांकित होने वाली विवादित हस्तियां

डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर दुनिया दो हिस्सों में बंटी है। एक धड़ा ट्रंप के साथ खड़ा है तो दूसरा नोबेल पुरस्कार देने के खिलाफ है। पहले भी विवादित लोगों को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया जा चुका है। रूस के तानाशाह जोसेफ स्टालिन को दो बार नामित किया जा चुका है। पहली बार 1945 और दूसरी बार 1948 में। 1935 में कानून के दो प्रोफेसरों ने इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी को भी नामांकित किया गया था। 1939 में जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर को नामित किया गया था। हालांकि बाद में नामांकन वापस ले लिया गया था।

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