अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव को लेकर बड़ा दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि उनके हस्तक्षेप से दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु युद्ध टल गया। उन्होंने यह भी बताया कि सैन्य टकराव के दौरान सात लड़ाकू विमान मार गिराए गए थे। ट्रंप का यह बयान उस समय आया है, जब हाल ही में भारतीय वायुसेना प्रमुख ने पहली बार साफ किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के कम से कम पांच लड़ाकू विमान और एक बड़ा निगरानी विमान ध्वस्त किया था।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से साफ शब्दों में कहा था कि अगर युद्ध नहीं रुका तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक रिश्ते तोड़ देगा। ट्रंप के अनुसार, उनके दबाव के बाद ही हालात काबू में आए हैं। भारत ने यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में था। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान के कई एयरबेस को भी नुकसान पहुंचा था।
कुछ दिन पहले ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने अपने भाषण में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई ठिकानों और सैन्य ढांचों को तबाह किया है। इसमें कमांड कंट्रोल सेंटर, रडार सिस्टम और एफ-16 हैंगर शामिल थे। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन की सफलता का सबसे बड़ी वजह यह थी कि राजनीतिक स्तर पर पूरी इच्छाशक्ति और स्वतंत्रता दी गई थी।
यह भी पढ़ें-- 10-20 रुपये के टिकट से कितना कमा लेती है दिल्ली मेट्रो?
ट्रंप ने कहा, 'मैनें इन सभी युद्धों को रोका है..'
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा करते हुए कहा, 'मैंने इन सभी युद्धों को रोका है। इनमें सबसे बड़ा भारत और पाकिस्तान का युद्ध होता। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध अगले स्तर पर था, जो परमाणु युद्ध बनने वाला था। हमने पहले ही 7 विमान गिरा दिए थे, लड़ाई तेज हो गई थी। ट्रंप ने कहा मैंने दोनों देशों से कहा, क्या आप व्यापार करना चाहते हैं? अगर आप लड़ाई जारी रखेंगे तो हम आपके साथ कोई व्यापार नहीं करेंगे। आपके पास 24 घंटे हैं, इस लड़ाई को खत्म करें। फिर उन्होंने कहा, अब युद्ध नहीं हो रहा। मैंने इस तरीके का कई बार इस्तेमाल किया है। मैंने व्यापार और जो कुछ मेरे पास था, सबका इस्तेमाल किया है।'
ट्रंप पहले भी कई बार भारत-पाकिस्तान के सैन्य टकराव का जिक्र कर चुके हैं। जुलाई में उन्होंने दावा किया था कि दोनों पक्षों के संघर्ष रोकने से पहले पांच विमान गिराए थे और अब ट्रंप का 7 विमान वाला नया दावा सामने आया है।हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने किस देश के विमान मार गिराए गए थे।
वायु सेना प्रमुख ने पहली बार किया स्पष्ट
10 अगस्त को एयर चीफ मार्शल मेमोरियल लेक्चर के 16वें संस्करण में भाषण देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, 'हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों की पुष्टि है और एक बड़ा विमान, जो या तो ईलिंट (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस) या एईडब्ल्यू एंड सी (एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल) हो सकता है, जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मारकर गिराया गया था। यह वास्तव में अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला हमला है, जिसके बारे में हम बात कर सकते हैं।'
यह भी पढ़ें-- GST के बदलने से राज्यों को कितने का नफा-नुकसान? समझिए पूरा गणित
उन्होंने ऑपरेशन के बारे में और विस्तार से बताते हुए कहा, 'हमने कम से कम दो कमांड और कंट्रोल सेंटर जैसे मूरीद और चकला पर हमला किया था। कम से कम छह रडार नष्ट किए गए थे, जिनमें कुछ बड़े रडार थे और कुछ छोटे थे। इसके अलावा दो एसएजीडब्ल्यू सिस्टम पर भी हमला किया गया था, जिनमें एक लाहौर और दूसरा ओकारा में स्थित था। हमने तीन हैंगर पर हमला किया था, जिनमें सुक्कुर यूएवी हैंगर, भोलारी हैंगर और जैकबाबाद एफ-16 हैंगर शामिल था। हमारे पास इस बात के संकेत हैं कि इनमें से एक एईडब्ल्यू एंड सी हैंगर में था और कुछ एफ-16 विमान मरम्मत में थे।'
वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' को दिया है। उन्होंने कहा, 'सफलता की एक बड़ी वजह यह थी कि राजनीतिक इच्छाशक्ति मौजूद थी। हमें बहुत स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए थे। हम पर कोई प्रतिबंध नहीं था। अगर कोई सीमाएं थीं तो वह हमारी खुद की बनाई हुई थीं। सेना ने ही तय किया कि युद्ध के नियम क्या होंगे। हमने ही तय किया कि टकराव को कैसे नियंत्रित करना है। हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी स्वतंत्रता थी।'
उन्होंने आगे कहा, 'तीनों सेनाओं के बीच तालमेल था। सीडीएस की पोस्ट ने बड़ा फर्क डाला। उन्होंने हमें एकजुट किया। एनएसए ने भी सभी एजेंसियों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी।'