ट्रंप प्रशासन ने मेडिकेयर और मेडिकेड के तहत ओबेसिटी की कवरेज बढ़ाने के जो बाइडेन के प्रस्ताव को कैंसिल कर दिया है। यह प्रस्ताव बाइडेन ने पिछले साल नवंबर में पेश किया था, जिसमें नोवो नॉर्डिस्क की वेगोवी और एली लिली की जेपबाउंड जैसी दवाओं को शामिल करना था। इन दवाओं की मासिक लागत 1 हजार डॉलर से अधिक है, जो कई अमेरिकियों के लिए बिना बीमा के खरीदना बेहद मुश्किल है। मेडिकेयर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए है।
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बाइडेन का प्रस्ताव बहुत 'महंगा'
बाइडेन ने अपने प्रस्ताव में कम इनकम वाले लोगों को मेडिकेड में शामिल करने को कहा था जिसमें 35 बिलियन डॉलर का खर्च शामिल था। हालांकि, ट्रंप के सत्ता ग्रहण करने के तुरंत बाद ही इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी गई। स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने इन दवाओं के खर्चे का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने मोटापे के लिए फार्मास्यूटिकल कंपनी के हस्तक्षेप पर संदेह जताया।
हालांकि, फार्मास्यूटिकल कंपनियों और ओबेसिटी के समर्थकों ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की है। लोगों ने तर्क दिया कि मोटापे को एक पुरानी बीमारी के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए और मेडिकल कवरेज मिलनी चाहिए। इस समय मेडिकेयर केवल डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम जैसी स्थितियों के लिए इन दवाओं को कवर करता है। बता दें कि अमेरिका में अधिकत्तर मेडिकेड प्रोग्राम मोटापे के इलाज को कवर नहीं करती हैं।
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अमेरिका में ओबेसिटी का क्या हाल?
अमेरिका में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। अगस्त 2021 से अगस्त 2023 के बीच, एडल्ट्स में मोटापा 40.3% थी, जिसमें पुरुषों में यह 39.2% और महिलाओं में 41.3% दर्ज की गई। आयु वर्ग के अनुसार, 40-59 वर्ष के एडल्ट्स में मोटापे की दर 46.4% थी।
हाल के वर्षों में मोटापे की दर में स्थिरता देखी गई है। 2020 में यह दर 41.9% थी, जो 2021-2023 में घटकर 40.3% हो गई। अनुमान है कि 2050 तक अमेरिका में 260 मिलियन से अधिक लोग अधिक वजन या मोटापे का शिकार हो जाएंगे, जिसमें आधे से अधिक बच्चे और किशोर शामिल होंगे। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि अमेरिका में मोटापा एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है।