अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को बड़ा झटका दिया है। शनिवार को ट्रंप ने कहा कि वह पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर रहे हैं। इसके अलावा गोपनीय सूचनाओं तक उनकी पहुंच पर भी रोक लगाने का फैसला किया है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'जो बाइडेन की गोपनीय जानकारी तक पहुंच रखना जरूरी नहीं है। जो, यू आर फायर्ड, मेक अमेरिका ग्रेट अगेन।' दरअसल, पूर्व राष्ट्रपतियों को पद छोड़ने के बाद परंपरागत रूप से कुछ खुफिया ब्रीफिंग मिलती है। ट्रंप ने कहा कि बाइडेन ने 2021 में मेरी इंटेलिजेंस ब्रीफिंग रोक दी थी।
2021 में बाइडेन ने किया था ऐसा
ट्रंप ने लिखा, 'बाइडेन ने 2021 में यह मिसाल कायम की थी। दरअसल, 2021 में बाइडेन ने सीबीएस को बताया था कि उन्हें विश्वास नहीं है कि ट्रंप को उनके अनियमित व्यवहार के कारण इस तरह की ब्रीफिंग तक पहुंच मिलनी चाहिए।
इस पर ट्रंप ने लिखा कि बाइडेन ने 2021 में यह मिसाल कायम की, जब उन्होंने इंटेलिजेंस कम्युनिटी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा पर विवरण तक पहुंचने से रोकने का निर्देश दिया। उन्होंने न्याय विभाग की एक जांच का हवाला देते हुए कहा कि बाइडेन पर 'संवेदनशील जानकारी के साथ भरोसा नहीं किया जा सकता है'। बता दें कि इस पर अब तक बाइडेन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह भी पढ़ें: डिपोर्टेशन से पहले डिटेंशन सेंटर में किन हालात में रहते हैं प्रवासी?
क्या होती है पूर्व राष्ट्रपति की खुफिया ब्रिफिंग?
अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपतियों को भी विशेष खुफिया जानकारी दी जाती है, जिसे 'इंटेलिजेंस ब्रिफिंग' कहा जाता है। यह परंपरा इसलिए बनाई गई थी ताकि पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मामलों के बारे में अपडेटड रहें और अगर आवश्यकता हो, तो वे वर्तमान राष्ट्रपति या सरकारी अधिकारियों को सलाह दे सकें। बता दें कि यह पूरी तरह से वर्तमान राष्ट्रपति के निर्भर करता है कि वे किसी पूर्व राष्ट्रपति को खुफिया जानकारी देना चाहते हैं या नहीं। जो बाइडेन प्रशासन ने डोनाल्ड ट्रंप को यह सुविधा नहीं दी थी, क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान संवेदनशील जानकारी को लेकर कई विवाद हुए थे।