डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया है। इसी के साथ वे अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं। शपथ ग्रहण में इस मौके पर भारत की ओर से विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद मौजूद थे। इसके अलावा इस सेरेमनी में भाग लेने के लिए भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी और अन्य तमाम बड़े भारतीय पूंजीपतियों को भी निमंत्रण दिया गया था।
भारत ही नहीं बल्कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पूरी दुनिया से कई नेताओं ने शिरकत की है। कई सालों में बाद ऐसा हुआ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ खुले में न होकर बंद परिसर में हुआ है। चूंकि इस वक्त अमेरिका में बहुत कड़ी ठंड पड़ रही है इसलिए इस बार का शपथ ग्रहण समारोह खुले में नहीं किया गया है।
क्या बोले ट्रंप
इस मौके पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'अमेरिका के स्वर्णिम युग की शुरुआत हो गई है. हम अपनी संप्रभुता बनाए रखेंगे. दुनिया हमारा इस्तेमाल नहीं कर सकेगी. अमेरिका में अब घुसपैठ नहीं होगी.' उन्होंने कहा कि दक्षिणी बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी को घोषित करने की उनकी योजना है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी को घोषित करने की उनकी योजना है। उन्होंने कहा कि अवैध एंट्री बंद की जाएगी और 'आपराधिक तत्त्वों' को वापस मैक्सिको भेजा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध एंट्री बंद की जाएगी और 'आपराधिक तत्त्वों' को वापस मैक्सिको भेजा जाएगा।
घोषित की 'नेशनल एनर्जी इमरजेंसी'
ट्रंप ने कहा, 'अत्यधिक खर्च और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई का संकट पैदा हुआ और इसीलिए आज मैं नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की भी घोषणा करता हूं.' इसके अलावा उन्होंने कहा कि पनामा से पनामा नहर का नियंत्रण वापस लेना उनकी प्राथमिकता होगी।
पीएम मोदी ने दी बधाई
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति @realDonaldTrump को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण पर बधाई! मैं एक बार फिर साथ मिलकर काम करने, दोनों देशों को लाभ पहुंचाने और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए तत्पर हूं। आने वाले सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं!'
कई फाइल साइन के लिए तैयार
बता दें कि शपथ ग्रहण के पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि कई फाइलें पहले से ही तैयार हैं जिन पर तुरंत साइन किया जाएगा। इन्हें एक्जीक्युटिव ऑर्डर कहा जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति एग्जीक्यूटिव ऑर्डर इसलिए जारी करते हैं, क्योंकि इनके लिए संसद की अनुमति की जरूरत नहीं होती है। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर ऑर्डर बाइडेन सरकार के फैसलों और नीतियों को पलटने वाले होंगे।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि शपथ लेने के पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे जो बाइडेन के सभी 'स्टुपिड' ऑर्डर को 24 घंटों के अंदर रद्द कर देंगे।
क्या हैं ट्रंप के वादे
ट्रंप के आने से दुनिया में भी काफी उथल-पुथल होने के आसार हैं। ट्रंप का वादा है कि वो रूस-यूक्रेन जंग और मध्य पूर्व में संघर्ष खत्म करवा देंगे। उन्होंने ये भी वादा किया है कि वो तीसरा विश्व युद्ध नहीं होने देंगे। माना जा रहा है कि ट्रंप यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी फंडिंग भी रोक सकते हैं। इसके अलावा ट्रंप सैन्य संगठन NATO से भी बाहर निकलने की धमकी दे चुके हैं। ट्रंप साफ कर चुके हैं कि NATO के बाकी सदस्यों को अपनी जीडीपी का 5 फीसदी खर्च करना चाहिए।
ले सकते हैं कौन से फैसले
- अवैध प्रवासियों के लिए अमेरिका में एंट्री पर नकेल लग सकती है।
- अमेरिकी नागरिकता को लेकर भी ट्रंप मुखर रहे हैं तो इस मामले में भी फैसला आ सकता है।
- कैपिटल हिल हिंसा के आरोपियों को माफी मिल सकती है।
- टैरिफ को लेकर ट्रंप ने पहले भी बयान दिए हैं तो उस पर कुछ फैसला आ सकता है।
- स्कूलों की फंडिंग पर भी नकेल कस सकते हैं ट्रंप।
यह भी पढेंः इतना ताकतवर कैसे बना अमेरिका, जिसकी सत्ता संभालने जा रहे ट्रंप?