अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप ने डॉलर को राजा बताया। बता दें कि इससे पहले भी ट्रंप ब्रिक्स देशों पर भारी भरकम टैरिफ लगाने की चेतावनी दे चुके हैं। हाल ही में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी और इजरायली हमले की निंदा की गई। हालांकि समूह ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी भी देश का नाम नहीं लिया। ट्रंप का दावा है कि ब्रिक्स की स्थापना अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल मीडिया पर लिखा, 'ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले देशों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।'
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भारत को नहीं मिलेगी छूट
ट्रंप से जब भारत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अगर वे (भारत) ब्रिक्स में हैं तो उन्हें 10 फीसदी टैरिफ देना होगा, क्योंकि ब्रिक्स की स्थापना हमें नुकसान पहुंचाने और डॉलर को गिराने के लिए की गई है। अगर वह अपना खेल खेलना चाहते हैं तो ठीक है। मैं भी उनका खेल खेल सकता हूं। इस वजह से ब्रिक्स के सभी देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगेगा।'
भारी कीमत चुकानी पड़ेगी: ट्रंप
ट्रंप ने दावा किया कि ब्रिक्स काफी हद तक बिखर चुका है। एक साल पहले भी मैंने यह बात कही थी। मगर उनमें से कुछ अब भी बचे हैं। डॉलर की चुनौती देने की कोशिश करने वाले किसी भी देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। मुझे नहीं लगता है कि कोई भी देश यह कीमत चुकाने को तैयार है।
'ब्रिक्स गंभीर खतरा नहीं'
डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा और कहा कि अगर आपके पास स्मार्ट राष्ट्रपति है तो डॉलर कभी मानक नहीं खोएगा। अगर पिछले जैसा कोई बेवकूफ राष्ट्रपति है तो मानक खोना पड़ेगा। अगर वैश्विक मानक डॉलर को खो देते हैं तो यह विश्व युद्ध हारने जैसा है। डॉलर राजा है और हम इसे राजा ही रखेंगे। अब हम पहले जैसे देश नहीं रहेंगे। ट्रंप का दावा है कि ब्रिक्स की कोशिश डॉलर को खत्म करना है। मगर उन्होंने संगठन को कोई गंभीर खतरा नहीं माना है।
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ब्रिक्स ने ईरान पर हमले की निंदा की
हाल ही में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स का 17वां शिखर सम्मेलन हुआ। बाद में सदस्य देशों ने एक बयान जारी किया। इसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ईरान पर सैन्य कार्रवाई की निंदा की गई। समूह ने ईरान पर हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया। ब्रिक्स ने अमेरिका की भारी भरकम टैरिफ नीति की आलोचना भी की और विश्व व्यापार संगठन के नियमों के मुताबिक स्वतंत्र व्यापार का आह्वान किया। इसके अलावा बहुपक्षवाद को मजबूत करने और वैश्विक शासन में सुधार की वकालत की।