ब्रिटेन की जेलें कैदियों से भर चुकी हैं। वेल्स और इंग्लैंड की जेलों में कैदियों की संख्या 90 हजार तक पहुंच गई है। पिछले 30 वर्षों के रिकॉर्ड के मुताबिक यह संख्या दोगुनी है। ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सरकार अब जेलों में दबाव कम करना चाहती है। जेलों में जगह की कमी से निपटने के तहत अब ब्रिटेन में दुष्कर्मियों को नसबंदी करके छोड़ा जाएगा। शुरुआत में 20 जेलों में यह ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद सरकार इसका दायरा बढ़ाएगी। इन सबके बीच ब्रिटेन सरकार ने बड़ी जेलों के निर्माण का भी एलान किया है। इन जेलों को 19वीं शताब्दी की विक्टोरियन काल की जेलों की जगह पर बनाया जाएगा।
स्वतंत्र सजा समीक्षा रिपोर्ट के बाद गुरुवार को ब्रिटेन की न्याय मंत्री शबाना महमूद ने कहा कि नसबंदी का इस्तेमाल 20 जेलों में किया जाएगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या इसे अनिवार्य करना संभव है या नहीं। न्याय मंत्री का तर्क है कि इससे दोबारा होने वाले अपराधों में 60 फीसदी तक कमी आने की उम्मीद है। कई अध्ययनों से यह पता चला है।
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प्रक्रिया अनिवार्य करना आसान नहीं
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड की जेलों में यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। पहले यह कैदियों की स्वेच्छा पर आधारित होगा। सरकार का कहना है कि वह अनिवार्य करने पर भी विचार कर रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार फोरेंसिक मनोचिकित्सा के प्रोफेसर डॉन ग्रुबिन का कहना है कि मुझे नहीं लगता कि सरकार इसे अनिवार्य कर पाएगी, क्योंकि किसी को मजबूर करना बहुत अनैतिक होगा। मेरे जानने वाले अधिकांश डॉक्टर इसकी मुखालफत करेंगे।
इन देशों में भी लागू है नियम
ब्रिटेन के अलावा जर्मनी और डेनमार्क में भी नसबंदी का इस्तेमाल किया जाता है। मगर यह स्वैच्छिक है। वहीं पोलैंड में कुछ मामलों में यह प्रक्रिया अनिवार्य है।
दवा से यौन इच्छा को किया जाता है खत्म
यह नसबंदी रासायनिक और मनोचिकित्सा के माध्यम से की जाती है। दवाओं के माध्यम से सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की क्रिया को रोका जाता है। माना जाता है कि इससे अपराधी के मन में यौन संबंधों से जुड़े ख्याल और इच्छाएं कम होंगी। स्काई न्यूज के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में काम आने वाली कई दवाओं का इस्तेमाल इस नसबंदी प्रक्रिया में किया जाता है। हालांकि ये कितना कारगर है, इस पर अभी बहस है। लोगों पर बुरा असर पड़ने का भी खतरा है।
कैसे कम होगी कैदियों की संख्या?
जुलाई 2024 में लेबर पार्टी 14 साल बाद सत्ता में आई थी। लेबर पार्टी कैदियों की भीड़ से जूझ रहीं ब्रिटेन की जेलों में जगह बनाने की कवायद करने में जुटी है। सरकार ने छोटे-मोटे अपराधियों को समय से पहले रिहा करने को मंजूरी दी है। इसके अलावा स्वतंत्र सजा समीक्षा रिपोर्ट में 12 महीने से कम सजा को खत्म करने और ड्राइविंग से जुड़े अपराधों में जजों को बड़ा दिल दिखाने की सलाह दी है। यह भी कहा गया कि अगर किसी विदेशी नागरिक को तीन साल या इससे कम की सजा हुई तो उसे तुरंत रिहा करके देश से निर्वासित करना चाहिए, इससे जेलों में दबाव कम होगा।
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क्यों इंग्लैंड की जेलों में बढ़ रही कैदियों की संख्या?
- माना जा रहा है कि ब्रिटेन में कठोर सजा के कारण जेलों में कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इंग्लैंड और वेल्स में हिंसक और यौन अपराधों में इजाफा हुआ है। इससे भी जेलों पर दबाव बढ़ा है। यहां की जेलों में 18 फीसदी अपराधी यौन हिंसा से जुड़े हैं।
- रिमांड और देरी से मुकदमा प्रक्रिया भी एक वजह है। जून 2024 में 17000 से अधिक कैदी रिमांड पर थे। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड और वेल्स में हर पांच में से एक कैदी रिमांड पर है। अदालतों में लंबित मामलों ने भी जेलों पर दबाव को बढ़ाया है।
- पैरोल से वापस आने वाले कैदियों की संख्या भी बढ़ी है। 2014 में कुल 5260 कैदियों को पैरोल से वापस बुलाया गया था। मगर 10 साल बाद यानी 2024 में यह संख्या 12199 तक पहुंच गई।
- ब्रिटेन की सरकार का मानना है कि जेलों के निर्माण में देरी से भी यह समस्या और विकराल हुई है। अब सरकार अगले दो वर्षों 2.3 बिलियन पाउंड का निवेश करेगी और 2031 तक 14000 जेल खोलने का लक्ष्य है।