एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होने जा रही है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंसी भड़क गए हैं। जेलेंस्की ने कहा है कि रूस ने यह युद्ध खत्म किया है और उसे ही खत्म भी करना चाहिए। उन्होंने पुतिन को घेरते हुए कहा है कि हर कोई पुतिन की चालाकी समझता है, वह क्रीमिया की तरह एक बार फिर से जमीन हासिल करने के चक्कर में हैं लेकिन यूक्रेनी लोग अपनी जमीन नहीं देंगे। जेलेंस्की ने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा है कि अमेरिका की क्षमता पर किसी को शक नहीं है और यूक्रेन ने भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
जेलेंस्की ने आरोप लगाए हैं कि पुतिन यूक्रेन के क्षेत्रों पर किए गए कब्जे को कानूनी रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि ट्रंप और पुतिन की यह मुलाकात आने वाले शुक्रवार को अलास्का में होने वाली है। जेलेंस्की का कहना है कि ऐसा कोई भी फैसला जो बिना यूक्रेन के लिया जाएगा, वह शांति के खिलाफ है और इससे कुछ होगा भी नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे फैसले निर्जीव हैं और वे कभी काम नहीं करेंगे।
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क्या बोले जेलेंस्की?
ट्रंप-पुतिन की मीटिंग से पहले जेलेंस्की ने एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए कहा है, 'मैंने नहीं सुना है कि किसी भी सहयोगी को युद्ध खत्म करने की अमेरिका की क्षमता पर शक हो। अमेरिका के राष्ट्रपति का ऐसा प्रभाव है और वह समर्पित भी हैं। यूक्रेन ने राष्ट्रपति ट्रंप के सभी प्रस्तावों का फरवरी से ही शुरुआत किया है। सभी तरह के सीजफायर का समर्थन किया गया है। अभी लोगों के संहार को रोकने की जरूरत है ताकि लंबे समय तक के लिए शांति स्थापित की जा सके। भविष्य में या कुछ महीनों बाद नहीं तत्काल सीजफायर की जरूरत है। राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझसे यही कहा है और मैं इसका समर्थन करता हूं।'
जेलेंस्की ने आगे कहा है, 'यह युद्ध खत्म होना ही होगा और रूस ने इसे शुरू किया है तो उसे ही इस युद्ध को खत्म करना होगा। यूक्रेन और बाकी सहयोगी सीजफायर चाहते हैं लेकिन एक ही शख्स इसे रोक रहा है, वह हैं- पुतिन। वह लोगों के संहार को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। हमें ऐसे नतीजों की जरूरत है जो जिंदगियां बचाएं। इसके लिए दुनिया उन नेताओं के प्रति आभारी रहेगी जो ऐसे फैसले लेंगे।'
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पुतिन को आड़े हाथ लेते हुए जेलेंस्की ने कहा है, 'हर कोई पुतिन की चाल समझ सकता है। वह प्रतिबंधों से डर रहे हैं और उनसे बचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बदले में वह युद्ध रोकने को कोशिश कर रहे हैं और जमीन पर किए गए कब्जे को कानूनी रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। वह दूसरी बार जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। पुतिन को क्रीमिया पर कब्जा करने दिया गया था और इसका नतीजा यह हुआ कि दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्र पर भी कब्जा हो गया। अब पुतिन चाहते हैं कि खेरसोन, ज्यापोरिज्जिया और अन्य इलाकों के कब्जे के लिए उन्हें माफ कर दिया जाएगा।' उन्होंने आगे कहा है, 'हम इस दूसरे प्रयास को सफल नहीं होने देंगे।'