संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सोमवार को यूक्रेन के क्षेत्र में रूस को तत्काल हटाने के समर्थन में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के पक्ष में 93, विपक्ष में 18 और वोटिंग में 65 मतों के साथ इसे पारित किया गया।
वहीं, भारत समेत 65 देशों ने वोटिंग से परहेज किया। बता दें कि यह प्रस्ताव रूस यूक्रेन युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर आया है। यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने इस प्रस्ताव को तैयार और पेश किया था।
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यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में क्या कहा गया है?
इस नए पारित प्रस्ताव में युद्ध को कम करने, शत्रुता को जल्द समाप्त करने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को शांतिपूर्ण समाधान करने का आह्वान किया गया है। यह प्रस्ताव यूक्रेव के लिए जीत की तरह साबित हुई है।
इस प्रस्ताव में अमेरिका ने भी अपनी मुख्य भूमिका निभाई है। यूएस ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान हुई दुखद जनहानिक पर भी शोक व्यक्त किया। दरअसल, अमेरिका ने एक अन्य प्रस्ताव 'The path to Peace' भी पेश किया। वहीं, फ्रांस ने इस दौरान पेश किए गए एक ड्राफ्ट में संशोधन की मांग की। फ्रांस ने 'रूसी संघ-यूक्रेन संघर्ष' को 'रूसी संघ द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण' से बदलने की मांगी की है।
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भारत की क्या रही भूमिका?
भारत ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं किया। भारत उन 65 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों में शामिल था, जिन्होंने प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की है। जैसे ही प्रस्ताव को अपनाया गया, यूएनजीए हॉल में तालियां बजीं और सदस्य देशों ने इसका स्वागत किया।