वेटिकन सिटी, जिसे पूरी दुनिया के ईसाई धर्म का अहम केंद्र कहा जाता है, इन दिनों एक बहुत ही महत्वपूर्ण और गोपनीय आयोजन के लिए तैयार हो रही है। यहां नए पोप का चुनाव होगा, 'कॉनक्लेव' कहा जाता है। यह एक पारंपरिक और बहुत गोपनीय प्रक्रिया है जिसमें कार्डिनल्स (कैथोलिक चर्च के उच्च पदाधिकारी) नए पोप का चयन करते हैं।
मोबाइल नेटवर्क बंद करने की वजह
वेटिकन ने घोषणा की है कि चुनाव के दिन यानी बुधवार को दोपहर 3 बजे से वेटिकन में सभी मोबाइल फोन नेटवर्क बंद कर दिए जाएंगे। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोई भी सूचना बाहर न जा सके और चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय बनी रहे।
सिस्टीन चैपल, जहां यह चुनाव होगा, वहां सिग्नल जैमर लगाए जाएंगे ताकि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक कानेक्टिविटी- जैसे कॉल, मैसेज या वीडियो बाहर न जा सके। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इस बार 133 कार्डिनल्स चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं और उनकी सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित यह कदम उठाया जा रहा है।
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क्यों होती है इतनी गोपनीयता?
कॉनक्लेव का अर्थ ही होता है 'कुंजी के साथ बंद'। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि पुराने समय में जब तक नया पोप चुन नहीं लिया जाता था, तब तक कार्डिनल्स को एक कमरे में बंद रखा जाता था। यह परंपरा आज भी जारी है, बस फरक इतना ही कि अब आधुनिक तकनीक बढ़ गए हैं, जिससे इसकि गोपनीयता भंग हो सकता है।
चर्च को यह चिंता रहती है कि कहीं कोई बाहरी दबाव, मीडिया का असर या तकनीकी हस्तक्षेप इस पवित्र और बड़े चुनाव को प्रभावित न कर दे। इसलिए कार्डिनल्स को मोबाइल फोन, लैपटॉप या कोई दूसरा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं रखने दिया जाता। मंगलवार से ही सभी कार्डिनल्स के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जमा करवा लिए जाएंगे और चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही उन्हें लौटाए जाएंगे।
कौन-कौन रखता है निगरानी?
सिर्फ कार्डिनल्स ही नहीं, बल्कि यहां काम करने वाले जिनमें- सफाईकर्मी, लिफ्ट ऑपरेटर आदि को भी गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है। वह चुनाव के दौरान वेटिकन परिसर में ही रहेंगे और अपने परिवार से संपर्क नहीं कर सकेंगे।
सुरक्षा के दूसरे इंतजाम
सेंट पीटर्स स्क्वायर, जहां आम लोग अक्सर इकट्ठा होते हैं, वहां मोबाइल सिग्नल चालू रहेंगे। हालांकि, सुरक्षा कड़ी कर दी गई है- प्रवेश बिंदुओं पर चेकिंग, मेटल डिटेक्टर और एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं ताकि किसी भी तरह की गलत गतिविधि न हो सके।
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2013 में जब पोप फ्रांसिस चुने गए थे, तब भी सिग्नल ब्लॉकर्स का इस्तेमाल किया गया था। इस बार तकनीक और निगरानी और भी ज्यादा सख्त की जा रही है, क्योंकि डिजिटल माध्यम से जानकारी बहुत तेजी से लीक हो सकती हैं।
वेटिकन की यह पारंपरिक और गुप्त प्रक्रिया मध्य युग से चली आ रही है। पोप के निधन या त्यागपत्र के बाद यह चुनाव होता है। चुनाव के दौरान कार्डिनल्स को 'पूरी तरह गोपनीयता रखने की शपथ' लेनी होती है।