पिछले कुछ महीनों से भारत और बांग्लादेश के खराब ही होते गए हैं। यह सब उस वक्त शुरू हुआ था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट हो गया था और उन्हें अपना देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। भारत और बांग्लादेश के रिश्ते को लेकर अब बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते ही चाहते हैं। मौजूदा वक्त में भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहे यूनुस ने कहा है कि बांग्लादेश भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है लेकिन हर बार कुछ ऐसा होता है कि उसे गुस्सा आ जाता है और कुछ न कुछ गलत हो जाता है।
बुधवार को लंदन में ‘चाथम हाउस’ थिंक टैंक के निदेशक ब्रोनवेन मैडॉक्स के साथ बातचीत में यूनुस ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों और देश के लिए लोकतांत्रिक रोडमैप सहित कई मुद्दों पर बात की। मैडॉक्स ने अपदस्थ हो चुकीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए भारत को जारी किए गए एक अनौपचारिक राजनयिक नोट का हवाला दिया और मामले पर ताजा जानकारी के बारे में पूछा। इस पर यूनुस ने कहा, 'यह जारी रहेगा, हम चाहते हैं कि पूरी प्रक्रिया बहुत कानूनी, बहुत उचित हो।' दरअसल, बांग्लादेश छोड़ने के बाद से ही शेख हसीना भारत में हैं और बांग्लादेश मांग कर रहा है कि भारत उन्हें बांग्लादेश भेजे।
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क्या बोले मोहम्मद यूनुस?
भारत के साथ संबंधों पर यूनुस ने कहा, 'हम भारत के साथ बेहतरीन संबंध बनाना चाहते हैं। यह हमारा पड़ोसी है, हम नहीं चाहते कि उनके साथ किसी भी तरह की बुनियादी समस्या हो लेकिन भारतीय प्रेस से आने वाली सभी फर्जी खबरों के कारण हर बार चीजें गलत हो जाती हैं। कई लोग कहते हैं कि इसका संबंध शीर्ष पर बैठे नीति निर्माताओं से है। यही बात बांग्लादेश को बहुत बेचैन और बहुत नाराज करती है। हम इस गुस्से से उबरने की कोशिश करते हैं लेकिन साइबर स्पेस में बहुत सी चीजें होती रहती हैं। हम इससे बच नहीं सकते। अचानक वे कुछ कहते हैं, कुछ करते हैं, फिर से गुस्सा आ जाता है।'
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मोहम्मद यूनुस ने आगे कहा, 'हमारे लिए यह बड़ा काम है कि हम कम से कम एक शांतिपूर्ण जीवन जी सकें। ऐसा जीवन जिसका हम सपना देख रहे हैं।' जब दर्शकों में से कुछ ने शेख हसीना के बारे में ‘भारत की अस्पष्ट भूमिका’ का दावा करते हुए सवाल किया तो यूनुस ने जवाब दिया, ‘(हसीना के खिलाफ) सारा गुस्सा अब भारत में ट्रांसफर हो गया है क्योंकि वह वहां गईं। जब मुझे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी से बात करने का मौका मिला, तो मैंने बस इतना कहा: आप उनकी मेजबानी करना चाहते हैं, मैं आपको उस नीति को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता लेकिन कृपया यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करें कि वह बांग्लादेशी लोगों से उस तरह बात न करें जिस तरह वह (ऑनलाइन) कर रही हैं। वह इस तरह तारीख, इस तरह समय की घोषणा करती हैं कि वह बोलेंगी और पूरा बांग्लादेश बहुत गुस्सा हो जाता है।'
शेख हसीना पर PM मोदी से क्या बात हुई?
यूनुस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा कि हसीना की सोशल मीडिया गतिविधियों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘यह एक विस्फोटक स्थिति है, आप यह कहकर बच नहीं सकते कि यह सोशल मीडिया की बात है।' शेख हसीना के निष्कासन के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव आ गया था।
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बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद हसीना को पिछले साल 5 अगस्त को न केवल पद छोड़ना पड़ा था, बल्कि ढाका छोड़ने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था और उन पर बांग्लादेश में अनेक मामले दर्ज किए गए। नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस (84) ने पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि 2026 की पहली छमाही तक राष्ट्रीय चुनाव होंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह निर्वाचित सरकार का हिस्सा बनने पर विचार करेंगे, यूनुस ने जवाब दिया, 'बिल्कुल नहीं।' वह मंगलवार को ब्रिटेन की चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचे, जहां उनके सामने ब्रिटेन में हसीना की अवामी लीग पार्टी के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। इस यात्रा के दौरान उनके महाराजा चार्ल्स तृतीय और ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सदस्यों से मिलने की संभावना है।